विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। कपाट दोपहर एक बजे शुभ मुहूर्त में बंद किए गए। इस पावन अवसर के साक्षी बनने के लिए करीब 2300 से ज्यादा तीर्थयात्री हेमकुंड पहुंचे।
श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बुधवार को अपराह्न एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दौरान करीब 2300 सिख श्रद्धालुओं का जत्था अंतिम अरदास के साक्षी रहे। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज सुबह से प्रारम्भ हो गयी थी।
प्रातः 10ः00 बजे सुखमणि साहिब पाठ और सबद कीर्तन के पश्चात साल की अन्तिम अरदास तथा गुरू ग्रंथ साहिब का हुक्मनामा पढ़ने के बाद पंच प्यारों और सेना के इंजीनियर कोर की बैंड की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब को सतखंड लाया गया तत्पश्चात दोपहर 1 बजे गुरुद्वारे के कपाट बंद किए गए।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा यात्रा को सुखमय ढंग से संपूर्ण सहयोग देकर सफल बनाने के लिए सभी संगतों, शासन-प्रशासन एवं स्थानीय लोगों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया गया। हेमकुण्ड साहिब की यात्रा इस वर्ष 20 मई को प्रारंभ हुई थी। इस वर्ष 1.78 लाख श्रद्वालुओं ने श्री हेमकुण्ड यात्रा का सौभाग्य प्राप्त किया। इसके साथ ही हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी पूरे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
चमोली जनपद में ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी के बाद आज सुबह से तेज धूप खिली हुई है। हेमकुंड साहिब के साथ ही बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में भी मौसम सुहावना हो गया है। बर्फबारी के कारण यहां पर ठंड भी बढ़ने लगी है।
नवम्बर में बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। 24 अक्तूबर को विजयादशमी के दिन बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा होगी।
इस साल चारधाम यात्रा में अपार भीड़ देखने को मिल रही है चारधाम यात्रा में इस बार अभी तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। 46 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा के दर्शन कर चुके हैं तथा अभी भी यात्रा के लिए एक महीने से ज्यादा का समय बचा हुआ है।
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