नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि सरकार एक धर्म विशेष के निर्माणों को अवैध नाम देकर ध्वस्त कर रही है। इस पर कोर्ट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अवैध निर्माण ध्वस्त होने चाहिए।
हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में सरकारी भूमि से अवैध धार्मिक निर्माण ध्वस्तीकरण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के सामने मामले की सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अवैध धार्मिक निर्माण ध्वस्त होने चाहिए। इसमें धर्म का कोई परहेज नहीं होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिका दायर कर याचिकाकर्ता क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पर एक लाख रुपये की पैनाल्टी लगाने की बात भी कही। इसके बाद खंडपीठ ने मामले को सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले हमजा राव व अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सरकार एक धर्म विशेष के निर्माणों को अवैध नाम देकर ध्वस्त कर रही है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि धर्म विशेष के खिलाफ की जा रही इस कार्रवाई को तत्काल रोका जाए और मजारों का दोबारा निर्माण करवाया जाए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बिलाल अहमद की ज्वालापुर के कनखल की चंदन पीर बाबा की मजार के लिए की दायर की गईं याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।
सरकार कर रही अवैध मजारों को हटाने की तैयारी
राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सीएससी चंद्रशेखर सिंह रावत ने बताया कि इससे पहले भी ऐसी ही एक याचिका खारिज की जा चुकी है जिसका इस याचिका में कहीं जिक्र नहीं है। सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि सारी फोटो एक स्थल की ही हैं। इसमें लगाए गईं प्रार्थनाएं भी एक जैसी ही हैं। न्यायालय ने याचिका को लैंड माफिया कहा और कहा कि आप सरकारी भूमि में कब्जा कर धार्मिक स्थल बना देते हैं।
पिछले कुछ समय से सरकार अपनी भूमि में बने अवैध धार्मिक स्थलों पर जेसीबी चलाकर उसे ध्वस्त कर रही है। इस क्रम में हरिद्वार, रुड़की, टिहरी के मोलधार, रामनगर, देहरादून, खटीमा, हल्द्वानी, नैनीताल में पहले ही लगभग 300 अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। इसके बावजूद सरकार अभी 400 अन्य अवैध मजारों को हटाने की तैयारी कर रही है।
अब सैटेलाइट और ड्रोन का भी हो रहा है इस्तेमाल
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेशों के बाद जिस तरह से वन विभाग लगातार अवैध निर्माण पर मुहिम चला रहा है उसको लेकर नोडल अधिकारी और वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक पराग दकाते ने बयान दिया है कि अब तक 1 महीने की कार्यवाही में 335 मजारों को हटाया गया है वहीं 31 मंदिरों अवैध मंदिरों को भी हटाया गया है, दुकानें, ढाबे या जिस तरह के की भी अवैध निर्माण हैं उन्हें चिन्हित कर हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में हम ऐसे अधिकारी जिनके कार्यकाल में अवैध निर्माण हुआ उसका भी चिन्हीकरण कर रहे हैं और इसके साथ-साथ सेटेलाइट इमेजेस और ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *