ढाई साल में श्रीनगर तक पहुंचेगी ट्रेन, उत्तराखंड में तेजस भी चलेगी

उत्तराखंड में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए बजट की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। हरिद्वार में साल 2021 में होने वाले महाकुंभ के लिए रेलवे प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर ट्रेनों की व्यवस्थाएं करेगा। शुक्रवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

उत्तराखंड में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए बजट की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। हरिद्वार में साल 2021 में होने वाले महाकुंभ के लिए रेलवे प्रयागराज कुंभ की तर्ज पर ट्रेनों की व्यवस्थाएं करेगा। शुक्रवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल से ये बातें कहीं। इस दौरान राज्य में रेल सुविधाओं के विस्तार पर चर्चा की गई। बैठक के बाद रेल मंत्री  पीयूष गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर नई दिल्ली-हरिद्वार-देहरादून के लिए समस्त आधुनिक सुविधाओं से युक्त तेजस ट्रेन को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। पाथ-वे उपलब्ध होते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम दिखने लगा है। इसके लिए मुख्यमंत्री और उनकी टीम की प्रशंसा की जानी चाहिए। हमें दूसरे राज्यों में जो समस्याएं आती है, उत्तराखंड में नहीं आई। रेल मंत्री ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि अगले ढाई साल में श्रीनगर गढ़वाल तक रेल पहुंचा दी जाए। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में इनोवेटिव काम किया जाएगा। वर्ष 2021 मे हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले के लिए रेलवे, प्रयागराज की भांति ही पूरी तैयारी करेगा। देहरादून, हरिद्वार स्टेशनों की सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। देहरादून रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण इस वर्ष नवंबर तक कर दिया जाएगा।  जल्द ही रेलवे के उच्च अधिकारियों के दल को उत्तराखंड भेजा जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना की वर्तमान प्रगति से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 126 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के अंतर्गत फॉरेस्ट लैंड को नॉन फॉरेस्ट लैंड में परिवर्तन को स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि 167 हेक्टेयर प्राईवेट रेवेन्यू लैंड का अधिग्रहण कर लिया गया है। परियोजना के लिए जियो टेक्नीकल इन्वेस्टीगेशन भी पूर्ण हो गई है। इसके अंतर्गत एक आरयूबी (रोड अंडर ब्रिज) एवं एक आरओबी (रोड ओवर ब्रिज) को तैयार कर लिया गया है, जिन्हें नियमित यातायात के लिए खोल दिया गया है। 
मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में रेल यातायात में वृद्धि होना स्वाभाविक है। इसे देखते हुए हरिद्वार-रायवाला अथवा हरिद्वार-देहरादून के मध्य रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाना चाहिए, साथ ही, पुराने ऋषिकेश में भारी माल लादने व उतारने एवं कंटेनरों से लदे रेल वैगनों के रूकने के लिए एक रेल कंटेनर डिपो स्थापित किए जाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देहरादून व योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन के मध्य सीधी रेल सेवा उपलब्ध कराने के लिए लक्सर की भांति रायवाला स्टेशन से पहले डाइवर्जन लाइन का निर्माण किये जाने की भी जरूरत है। 

नई रेल लाइनों को मंजूर करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री रावत ने रेल मंत्री से लालकुंआ-खटीमा, टनकपुर-बागेश्वर और काशीपुर-धामपुर नई रेल लाइनों की स्वीकृति का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उक्त तीनों रेल लाइनों का पर्वतीय क्षेत्र के विकास और सामरिक दृष्टि से काफी महत्व है। लालकुआं-शक्तिफार्म-सितारगंज-खटीमा नई रेल परियोजना को स्वीकृति देते हुए इसका शत प्रतिशत वित्त पोषण केंद्र द्वारा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ व बागेश्वर क्षेत्र में आर्थिक विकास की गति को तेज करने, पर्यटक के विकास और सस्ती परिवहन सुविधा के लिए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन की नितांत आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने काशीपुर से धामपुर वाया जसपुर नई रेल लाइन का भी शत प्रतिशत वहन केंद्र सरकार से करने का आग्रह किया।

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