मसूरी में आज युवा चिकित्सा अधिकारियों का दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया जिसमें युवा अधिकारियों ने संविधान और बल के प्रति निष्ठा एवं समर्पण की शपथ ली। इस अवसर पर मनोज रावत, अपर महानिदेशक, आईटीबीपी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने पास आउट होने वाले सभी युवा चिकित्सा अधिकारियों को बल की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी में छह महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद 12 महिला चिकित्सा अधिकारियों सहित कुल 55 अधिकारी बल की मुख्य धारा में शामिल हुए। इन चिकित्सा अधिकारियों को कठोर एवं प्रशिक्षण के दौरान युद्ध कौशल, शस्त्र चालन, शारीरिक प्रशिक्षण, आसूचना मानचित्र अध्ययन सैन्य प्रशासन, कानून व मानव अधिकार जैसे सैन्य व पुलिस संबंधी विषयों का गहन प्रशिक्षण दिया गया। जिससे कि वह अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी परिस्तिथि का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहें।
इन प्रशिक्षणार्थियों को पहली बार ’क्रम मागा’ प्रशिक्षण पद्धति का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण पद्धति से इजराइल आर्मी के विशेष कमांडों को प्रशिक्षित किया जाता है। पास आउट होने वाले इन चिकित्सा अधिकारियों में राजस्थान से 16, केरल से 7, पंजाब से 5, हरियाणा एवं आन्ध्र प्रदेश से 4-4, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु एवं तेलंगाना से 3-3. कर्नाटक से 2, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उडी़सा, असम, त्रिपुरा, एवं मणिपुर से 1-1 प्रशिक्षणार्थी हैं। इन प्रशिक्षणार्थियों ने पहले अलवर और उसके बाद मसूरी में प्रशिक्षण लिया।
सभी युवा चिकित्सकों ने प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित दीक्षांत समारोह में संविधान एवं बल के प्रति निष्ठा एवं समर्पण की शपथ ली। मुख्य अतिथि के तौर पर एडीजी मनोज रावत ने सभी युवा चिकित्सकां को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि चिकित्सा अधिकारियों का दायित्व बहुत महत्तवपूर्ण है।
मनोज रावत ने कहा कि हमारे बल के जवानों को शारीरिक और मानसिक रुप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको अपनी सेवाऐं देनी है। उन्होंने कहा कि हाई एल्टीट्यू में जवानों को होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरुक करते हुये उनको स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित भी करना है। साथ ही जरुरत के समय उनके समुचित इलाज का प्रबंधन भी करना है।
आईटीबीपी सीमा पार से होने वाले अपराध और गुप्त सूचनाओं के संकलन, तस्करों और घुसपैठियों से पूछताछ और अन्तरराष्ट्रीय सीमा/एलएसी पर संयुक्त रूप से गश्त भी करती है। संवेदनशील क्षेत्रों में आईटीबीपीएफ सेना के साथ मिलकर काम करती है। शान्ति काल में यह अपने आप को पेशेवर तौर पर और अधिक तैयार और निपुण बनाती है ताकि समय आने पर वास्तविक चुनौतियों से निपटा जा सके।
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