उत्तराखंड के दो सपूतों को मिली बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद में बनाया गया अध्यक्ष और सदस्य

उत्तराखंड के दो सपूतों को मिली बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद में बनाया गया अध्यक्ष और सदस्य

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद में आईपीएस आलोक जोशी को अध्यक्ष और लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह (सेनि) को सदस्य बनाया है। इनका कार्यकाल 24 अप्रैल 2025 से लेकर 23 अप्रैल 2027 तक होगा।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद एक कार्यकारी सरकारी एजेंसी है जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हित के मामलों पर प्रधानमंत्री कार्यालय को सलाह देने का काम होता है। इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का नेतृत्व एनएसए अजीत डोभाल कर रहे हैं। आईपीएस आलोक जोशी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद अध्यक्ष और लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह को सदस्य बनाया गया है।

आलोक जोशी भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख रह चुके हैं। 1976 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी की शुरूआती शिक्षा दीक्षा लखनऊ से हुई। इसके बाद उन्होंने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी दिल्ली से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की। दिल्ली के हिंदू कॉलेज से राजनीतिक शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वह भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुने गए। इसके बाद लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए वह 2005 में खुफिया ब्यूरो में ज्वाइंट डायरेक्टर बने।

2010 में उन्हें खुफिया एजेंसी रॉ का विशेष सचिव बनाया गया। इसके बाद वह 30 दिसंबर 2012 को इसके प्रमुख बने। वह 31 दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे। सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें एनटीआरओ का प्रमुख बनाया। बहुत ही लो प्रोफाइल रहने वाले आलोक जोशी को अपनी खुफिया पकड़ के लिए जाना जाता है। जोशी ने 1976 से 1978 तक सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद से प्रशिक्षण हासिल करने के बाद पहली नियुक्ति 1978 में गुड़गांव में बतौर एएसपी (प्रशिक्षण) पाई। वह अंबाला रेंज के आईजी भी रहे।

इसके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार परिषद का सदस्य बनाया गया है इनका कार्यकाल भी दो साल का होगा। लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह ने 1 नवंबर 2022 को सेना के दक्षिणी कमान की बागडोर संभाली। यह भारतीय सेना की सबसे बड़ी और पुरानी कमान है। जिसके क्षेत्र में 11 राज्य और चार केंद्र शासित प्रदेश हैं। उन्होंने शांत और अशांत सभी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह 30 जून 2024 को दक्षिणी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ के पद से सेवानिवृत हुए थे। सैन्य प्रशिक्षण और ऑपरेशंस में लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह का अनुभव बेहद विस्तृत है और उन्होंने शांत और अशांत सभी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने भारतीय सेना में 40 साल तक अपनी सेवा दी है।

लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह ने दिसंबर 1984 में 7/11 गोरखा राइफल्स में नियुक्त किया गया था। उनके पास उग्रवाद विरोधी क्षेत्र, आतंकवादी ग्रसित क्षेत्र और बर्फीले इलाकों सभी प्रकार के ऑपरेशन का व्यापक अनुभव है। सियाचिन के हिमाच्छादित क्षेत्र से लेकर रेगिस्तान तक उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर 1/11 गोरखा राइफल्स, पश्चिमी थिएटर में एक विशिष्ट ब्रिगेड, कश्मीर घाटी में फ्रंटलाइन काउंटर इंसर्जेंसी फोर्स और उत्तर पूर्व में त्रिशक्ति कोर की कमान संभाली हुई है। उन्होंने सैन्य संचालन के अतिरिक्त महानिदेशक और रक्षा मंत्रालय (सेना) नई दिल्ली के एकीकृत मुख्यालय में महानिदेशक (ऑपरेशनल लॉजिस्टिक और स्ट्रैटेजिक मूवमेंट) की जिम्मेदारी भी संभाली हुई है। वह एक राजनयिक सैनिक भी रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासा पुणे और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के पूर्व छात्र हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह को उनकी सेवाओं के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल मिला है।

लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह ट्रेकर और पर्वतारोही भी हैं। उन्हें साइकलिंग और योग में विशेष रुचि है। उन्हें पौराणिक कथाओं, आध्यात्मिकता और इतिहास पढ़ने में विशेष रुचि है। उनकी पत्नी शालिनी रेकी और हीलर थीं। उन्हें भी प्राकृतिक चिकित्सा और योग में रुचि थी। वह सैनिकों और उनके परिवारों को दी जाने वाली कल्याणकारी गतिविधियों में भी सक्रिय थी और समाजसेवा में तत्पर थीं। 1 अप्रैल 2020 को उनका निधन हो गया था।

लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह का जन्म रुड़की से 12 किमी दूर एक साधारण से किसान परिवार में हुआ। पांच साल तक बचपन गांव में बीता और उसके बाद वह और उनकी बड़ी बहन मेरठ अपने नाना और नानी के यहां पढ़ने के लिए चले गये। उन्हें बचपन में नाना और नानी का बहुत प्यार मिला। उनका बेटा अभिनव एडवेंचर स्पोर्ट्स का काम करता है और बेटी संजना बॉलीवुड में असिस्टेंट डायरेक्टर हैं और उन्होंने 12 से अधिक फिल्मों को असिस्ट किया है। वह कहते हैं कि परिवार का सपोर्ट ही एक सैनिक के लिए बड़ा और मजबूत आधार होता है।

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this