NDMA के सदस्य राजेंद्र सिंह का कहना है कि बाहर से आए यूथ में से काफी वापस चले जाएंगे लेकिन फिर भी दो लाख लोगों में से करीब एक लाख लोग रह सकते हैं। इन लोगों को हर तरह का ज्ञान है। हमारी लीडरशिप का काम यह है कि इनके ज्ञान को सही डायरेक्शन में लेकर जाएं।
हिल मेल के 19 मई के लाइव शो ‘ई-रैबार’ में ‘केंद्र के आर्थिक पैकेज और उत्तराखंड के लिए अवसर’ विषय पर बात करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य राजेंद्र सिंह जुड़े। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग बधाई के पात्र हैं क्योंकि उन्होंने बहुत ही अच्छे तरीके से भारत सरकार की गाइडलाइन को निभाया है। उत्तराखंड के लोगों के अनुशासन के कारण ही जब देश में और पूरे विश्व में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, राज्य का कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है और मामले सीमित संख्या में हैं।
41 हजार बेड से आज 10 लाख बेड
राजेंद्र सिंह (Rajendra Singh NDMA) ने कहा कि जब यह महामारी फैलना शुरू हुई तो भारत ही नहीं दुनिया के किसी भी देश को नहीं पता था कि इससे कैसे निपटना है। फरवरी में पहला केस भारत में आया तो भारत सरकार ने तैयारी शुरू कर दी और मार्च तक अपनी व्यवस्था पुख्ता कर ली। 25 मार्च को हमारे पास बेड 41 हजार थे और आज के दिन में आइसोलेटेड बेड की संख्या 10 लाख हो गई है। इसी तरह से वेंटिलेटर, आईसीयू की संख्या बढ़ी है।
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उन्होंने बताया कि हर गांव तक राशन पहुंचाने के लिए करीब 9.5 लाख ट्रक सड़क पर हैं। लॉकडाउन-4 का जिक्र करते हुए राजेंद्र सिंह ने कहा कि हमें अब इस बात की चिंता करनी चाहिए कि कोरोना गांवों में न फैलने पाए। कई जिलों में मार्केट खुल गए हैं, लेकिन पहाड़ के लोग मास्क जरूर पहनें, कम से कम बाहर निकलें और सामाजिक दूरी का पालन करें।
NDMA के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे युवा शहरों से घर लौट आए हैं। अब हमारा फोकस इस बात पर होना चाहिए कि कैसे इनकी ऊर्जा को हम सही दिशा दे सकें। उन्होंने कहा कि पौड़ी, रुद्रप्रयाग, देहरादून आदि सभी जिलों के जिलाधिकारियों से अनुरोध है कि इन लोगों की मैपिंग की जाए कि कौन किस चीज में पारंगत है और इस तरह से एक जिले की लिस्ट दूसरे जिले से शेयर की जाए तो बेहतरीन अवसर सामने आ सकते हैं।
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उत्तराखंड में फिर बन सकते हैं रेड जोन! हर जगह बढ़ रहे कोरोना संक्रमित, 9 और पॉजिटिव - Hill-Mail | हिल-मेल
May 20, 2020, 5:50 pm[…] […]
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