कोरोना काल में पर्वतों के शिखरों पर चढ़ाई भी रुक गई थी। अब एडवेंचर टूरिज्म को प्रमोट करने के मकसद से NIM की टीम ने दुर्गम क्षेत्र की तीन प्रमुख चोटियों को फतह किया है। अभी तक इन शिखरों पर कोई नहीं पहुंचा था। एक रिपोर्ट…।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM), उत्तरकाशी की टीम ने कोरोना काल में तीन प्रमुख पर्वत शिखरों पर तिरंगा लहराया है। देश का प्रसिद्ध पर्वतारोहण संस्थान NIM अपने स्थापना वर्ष से ही भारत की कई पर्वत चोटियों का आरोहण करता रहा है। पिछले वर्षों में संस्थान ने गढ़वाल हिमालय के कई अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।
कोविड-19 काल में जब लगभग सभी बाहरी क्रियाकलापों पर रोक लगी थी तो संस्थान ने नियमों का पालन करते हुए उत्तरकाशी में स्थित अनाम और अनारोहित पर्वत शिखरों के आरोहण करने का निश्चय लिया, जिससे एक सकारात्मक संदेश देश-विदेश में साहसिक क्रियाकलापों में रुचि रखने वाले लोगों को मिले और उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिले।
इस क्रम में संस्थान अत्यंत दुर्गम क्षेत्र निलांग घाटी में स्थित तीन प्रमुख शिखरों नागा 4790 मीटर, कू 5871 मीटर और अनाम शिखर 5616 मीटर के आरोहण के लिए 27 अगस्त 2020 को अभियान का आरंभ किया। इन पर्वत शिखरों को अभी तक किसी दल ने आरोहण नहीं किया। उम्मीद की जा रही है कि निम की टीम द्वारा लगातार चलाई जा रही इन गतिविधियों से एडवेंचर टूरिज्म की तरफ लोगों की रुचि बढ़ेगी।
संस्थान के तीन सदस्यों के पर्वतारोहण दल ने उक्त पर्वत शिखर पर 31 अगस्त और 01 सितंबर 2020 को आरोहण किया तथा इन पर्वत शिखरों से संबंधित जानकारियां जुटाई। यह मिशल महज छह दिन के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया।
अभियान दल का नेतृत्व संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट द्वारा एल्पाइन स्टाइल में किया गया। दल के अन्य सदस्य नायब सूबेदार गिरीश सिंह नेगी और हवलदार अनिल कुमार थे। यह दल 3 सितंबर 2020 को वापस आ गया।
NIM ने एक बयान में कहा कि उत्तराखंड हिमालय में उत्तरकाशी जिले को साहसिक पर्यटन और पर्वतारोहण में अव्वल स्थान में लाने को निम प्रतिबद्ध है और इस दिशा में पिछले 2 वर्षों में निम द्वारा अनाम व अनारोहित पर्वत शिखरों पर पहली बार सफलतापूर्व चढ़ने का रिकॉर्ड बन चुका है।
निम के प्रधानाचार्य ने कहा है कि इन पर्वतों के विषय में सभा जानकारियां इंडियन माउंटनियरिंग फाउंडेशन (आईएमएफ) और उत्तराखंड टूरिज्म में दर्ज करा दी जाएगी।
निम नीलांग घाटी को साहसिक पर्यटन के रूप में विश्व में स्थापित करने को दृढ़ संकल्प है। इसी तरह पर्वतारोहण में इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कर निम इनर लाइन को समाप्त करने के प्रदेश के आदेश को मजबूत करता है।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *