नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 के शुभारंभ से पहले राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने बताया कि इस भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा 1 फरवरी 2025 को भारत मंडपम में किया जाएगा।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित शिक्षा मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला – 2025 न केवल देश भर के लेखकों, विचारों और चर्चाओं का आयोजन करेगा, बल्कि दुनिया भर के कई लेखक, उनके विचार और चर्चाएं होंगी। यह आयोजन एक संगम के रूप में है जहां पचहत्तर वर्षीय गणतंत्र का सार वैश्विक प्रशंशा प्राप्त करने के लिए तैयार राष्ट्र की आकांक्षाओं के साथ मिलता है। इस भावना के अनुरूप श्री युवराज मलिक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला – 2025 में फ्रांस, कतर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कोलंबिया और रूस (नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला – 2025 का फोकस राष्ट्र) सहित 50 से अधिक देशों के अंतर्राष्ट्रीय लेखक और वक्ता भाग लेंगे।
डॉ. एलेक्सी वरलामोव ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे मेले में 1,500 से अधिक पुस्तकें प्रस्तुत करने वाले रूसी प्रकाशन-गृह, रूसी इतिहास, संस्कृति और साहित्य का सच्चा प्रतिनिधित्व है। इसके अलावा, मिखाइल एंटसिफेरोव, तीसरे सचिव (संस्कृति, शिक्षा, खेल) ने कहा कि रूसी प्रदर्शनी लेखकों के साथ साक्षात्कार और रूसी संग्रहालयों की प्रस्तुतियों को प्रस्तुत करेगी। रूसी मिठाई और पेस्ट्री को चखने के इच्छुक लोगों के लिए एक छोटा कैफे भी आयोजित करने की योजना है।
न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद मराठे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे यह आयोजन विभिन्न प्रकार के हिस्सों और दृष्टिकोणों को एक साथ लाता है जो संविधान में निहित सिद्धांतों और मूल्यों को दर्शाते हैं। 2000 से अधिक प्रकाशकों और प्रदर्शकों, 1000+ वक्ताओं, 600+ साहित्य और सांस्कृतिक संस्थानों के साथ, विश्व पुस्तक मेला-2025 संस्कृति, साहित्य, कला और पुस्तक पढ़ने का एक नया स्वाद प्रेरित करेगा।
इसी तरह, नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 के इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर में रूस, नेपाल, न्यूजीलैंड, जर्मनी, लिथुआनिया और इटली जैसे देशों के लेखकों, वक्ताओं और साहित्यिक संघों की विशेषता वाली पुस्तक विमोचन, पैनल चर्चा, रीडिंग सेशन, फिल्म स्क्रीनिंग और कार्यशालाएं दिखाई देंगी। इसके साथ ही, विश्व पुस्तक मेला 2025 देश भर से विविध विचारों का जश्न मनाता है, जो भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों और मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाले विभिन्न दृष्टिकोणों को एक साथ लाता है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा शुरू की गई एक पहल फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स (FoF) के रूप में देश भर के विभिन्न पुस्तक महोत्सव और साहित्यिक मंच एनडीडब्ल्यूबीएफ 2025 में एक साझा मंच पर एक साथ आएंगे। भारत के विशाल साहित्यिक परिदृश्य का जश्न, ब्रह्मपुत्र लिटरेचर फेस्टिवल, प्रभात प्रकाशन, भारत लिटरेचर फेस्टिवल, एपीजे कोलकाता लिटरेरी फेस्टिवल, ऑथर्स इंक पब्लिकेशंस, पेंगुइन डायलॉग्स, माई सीक्रेट बुकशेल्फ़ एक्स एनेडोट पब्लिशिंग हाउस, एशियन लिटरेरी सोसाइटी और द ग्रेट इंडियन बुक टूर सभी भाग लेंगे, यह भारत के उभरते पुस्तक महोत्सवों के बीच सहयोग और जुड़ाव को बढ़ावा देंगे।
न्यास के निर्देशक युवराज मलिक ने संवाददाता सम्मेलन में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के इस वर्ष के संस्करण में नई रोमांचक विशेषताएं शामिल की हैं। उदाहरण के लिए, ऑथर्स लाउंज को एक समर्पित स्थान के रूप में डिजाइन किया गया है जहां लेखक अपनी साहित्यिक चर्चा शुरु करने से पहले साहित्यिक समारोहों के बीच बातचीत कर सकते हैं, चिंतन कर सकते हैं और आराम कर सकते हैं। यह लेखकों के लिए एक जरूरी प्रवास के रूप में सही रूप में काम करेगा। इसी तरह, एक और नई सुविधा – चिल्ड्रन कॉर्नर (किड्ज किंगडम) – आयोजन के सभी 9 दिनों में पुस्तक मेले में युवा दर्शकों के लिए कहानी, साहित्यिक, कला, शिल्प और नृत्य सत्रों की अधिकता प्रदान करेगी।
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 अपने थीम गणतंत्र@75 के साथ, एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करता है जो भविष्य के लिए अपनी आकांक्षाओं के साथ देश की सांस्कृतिक विरासत को एकजुट करता है। यह आयोजन साहित्य, शासन, प्रौद्योगिकी, कला और सिनेमा सहित विविध संस्कृतियों और क्षेत्रों से अग्रणी आवाज़ों को एक साथ लाता है। पंकज त्रिपाठी, फोनसोख लद्दाखी, पुष्पेश पंत, शशि थरूर, गजेंद्र सिंह शेखावत, गोविंद ढोलकिया, कुमार विश्वास और प्रकाश झा जैसे दिग्गज अपने सत्रों में दर्शकों के साथ जुड़ेंगे, जो महोत्सव की प्रभावशाली और समावेशी दृष्टि को दर्शाते हैं।
आज आयोजित की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद मराठे, प्रमुख रूसी लेखक डॉ. एलेक्सी वरलामोव, तृतीय सचिव (संस्कृति, शिक्षा, खेल) और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत के निदेशक युवराज मलिक सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे।
इस साल क्या खास
• थीम पवेलियन (हॉल 5): यह प्रतिष्ठानों, पुस्तकों, प्रलेखचित्र और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के गणतांत्रिक आदर्शों को प्रदर्शित करता है।
• इंटरनेशनल फोकस पवेलियन (हॉल 4): रूस से आई किताबें की प्रदर्शनी के माध्यम से रूस की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत की खोज करें।
• ऑथर कॉर्नर (हॉल 5) और लेखक मंच (हॉल 2): जीवंत साहित्यिक चर्चाओं में प्रमुख लेखकों, कवियों और अनुवादकों के साथ बातचीत करें।
• चिल्ड्रन पवेलियन (हॉल 6): कथा वाचन, कार्यशालाओं और क्रियाशील गतिविधियों के साथ युवा पाठकों के लिए एक समर्पित स्थान।
• ‘सभी के लिए पुस्तकों पहल’ के तहत ब्रेल पुस्तकों का मुफ्त वितरण : हॉल 6
• B2B अवसर: B2B ज़ोन और राइट्स एक्सचेंज फोरम (नई दिल्ली राइट्स टेबल) प्रकाशकों, लेखकों और हितधारकों को विश्व स्तर पर जुड़ने के लिये मंच प्रदान करता है।
• सांस्कृतिक संध्या: भारत की विविधता और विरासत का जश्न मनाते हुए सांस्कृतिक प्रदर्शन ।
• लेखक लाउंज : प्रकाशित लेखकों के लिए समर्पित लाउंज
• इलस्ट्रेटर्स कॉर्नर : प्रकाशन में चित्रकारों के कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक समर्पित इलस्ट्रेटर ज़ोन।
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