विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय में चल रहे कृषि और खाद्य कार्यक्रम के लिए पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता का अर्थशास्त्र (टीईईबी) के अंतर्गत उत्तराखंड में टीईईबी एग्री फूड पहल पर स्टेकहोल्डर कार्यशाला का आयोजन पैसेफिक होटल, देहरादून में किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने की।
इस कार्यशाला में निदेशक प्रसार शिक्षा एवं परियोजनाधिकारी टीईईबी डा. जे.पी. जायसवाल ने बताया कि यह परियोजना कोशी और कैलाश दो वाटरशेड है जिसमें कोशी नैनीताल अल्मोड़ा और कैलाश ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में है। जलागम क्षेत्रों में जैविक खेती एवं कृषि वानिकी को बढ़ावा देने हेतु कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जैविक खेती एवं कृषि वानिकी के लाभ तथा पहाड़ी एवं मैदानी क्षेत्रों में मृदा उर्वरता एवं वातावरण स्वच्छता तथा जैविक खेती से प्राप्त अनाज से बने भोजन से लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव को लेकर गहन विचार-विमर्ष किया गया तथा इससे जुड़े नीतिगत मामलों पर भी गहनता से विचार किया गया।
कार्यशाला में वरिष्ठ नीति सलाहकार, टीईईबीएग्री फूड इंडिया, यूएनईपी डा. अल्का भार्गव, प्रोजेक्ट ऑफिसर, टीईईबी एग्रीफूड इंडिया रूबीन गर्गन, कंसलटेंट-टीईईबी एग्रीफूड इंडिया रिया मल्होत्रा, उप अध्यक्ष प्रिवेशन आफ माइग्रेशन कमीशन, उत्तराखंड सरकार, डा. एस.एस. नेगी, भा.कृ.अनु.प.-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून के निदेशक डा. एम. मधु तथा उत्तराखंड के संयुक्त कृषि निदेशक डा. ए.के. उपाध्याय, अतिरिक्त प्रमुख बल संरक्षक कपिल लाल, उत्तराखंड सरकार, परियोजना निदेशक जलागम नीना ग्रिरेवाल, वरिष्ठ वन संरक्षक डा. मोहन चंद्र के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, एनजीओ एवं एफपीओे के सदस्य उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का संचालन निदेशक प्रसार शिक्षा एवं परियोजनाधिकारी टीईईबी डा. जे.पी. जायसवाल ने किया।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *