रूस के सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेटरनरी मेडिसिन के छात्रों ने आज देहरादून में राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह से मुलाकात की इस दौरान जीबी पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान भी मौजूद थे।
आज राजभवन में रूस की सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेटरनरी मेडिसिन के छात्र जो कि भारत भ्रमण पर आये हैं उन्होंने आज राजभवन में राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह सेवानिवृत से भेंट की। यह दल 5 से 16 फरवरी तक गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के भ्रमण पर आये हैं और इन छात्रों और संकाय के सदस्यों ने राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान राज्यपाल ने उनसे संवाद किया और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली। इस अवसर पर जीबी पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच पशु चिकित्सा विज्ञान में शोध एवं प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने हेतु किया गया एमओयू न केवल अकादमिक सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देगा, बल्कि शैक्षणिक उत्कृष्टता और अनुसंधान-आधारित प्रगति की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
शोध एवं प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ बैठक
इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान की अध्यक्षता में सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी मेडिसिन, रूस तथा यूनिवर्सिटी कॉलेज, डबलिन, आयरलैंड के प्रतिनिधियों के साथ शोध एवं प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने के संदर्भ में बैठक आयोजित की। बैठक में सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी मेडिसिन, रूस से डॉ. लियुटिक एकातेरिना, अध्यक्ष अन्तर्राष्ट्रीय विभाग के साथ 10 शोध छात्र एवं यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन (यूसीडी), आयरलैंड से प्रो. एलीन गिबनी, निदेशक, प्रो फ्रैंक मोनाहन, कृषि और खाद्य विज्ञान स्कूल के प्रमुख एवं सुरभि जोशी, निदेशक, दक्षिण एशिया (यूसीडी) ने बैठक में प्रतिभाग किया।
कुलपति द्वारा रसिया एवं आयरलैंड से आये हुए डेलिगेशन का स्वागत किया गया और उन्होंने विश्वविद्यालय एवं महत्वपूर्ण अनुसंधान संस्थानों के बीच तीब्रगती से करार हस्ताक्षरित होने की प्रक्रिया पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने रसिया एवं आयरलैंड के प्रतिनिधियों से विश्वविद्यालय की शोध एवं शिक्षण क्षमता को अच्छी तरह से देखने एवं परखने का आह्वान किया जिससे कि पंतनगर विश्वविद्यालय एवं दोनों देश के विश्वविद्यालयों के साथ विद्यार्थियों एवं वैज्ञानिकों को शोध एवं शिक्षण के लिए एक अच्छा अवसर प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग प्राप्त करने वाला देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है।
देश में इस समय कुल 66 सार्वजनिक कृषि विश्वविद्यालय है और शेष निजी संस्थानों से आच्छादित है। 60 के दशक में जब देश खाद्यान्न समस्या से जूझ रहा था तब कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर; भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली एवं पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के प्रयास से खाद्यान्न उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि हुयी और पन्तनगर द्वारा किये गये योगदान के लिए डॉ. नारमन ई. बोरलॉग द्वारा इसे हरित क्रांति की जननी के रूप में सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के ज्ञानोपार्जन हेतु एक विशाल पुस्तकालय स्थापित है जिसमें विभिन्न विशयों से संबंधित बड़ी संख्या में पुस्तकें उपलब्ध है। साथ ही डिजिटल रूप में भी विद्यार्थी हेतु पुस्तकें उपलब्ध है जिनसे विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे है।
उन्होंने बताया कि शोध, बीज उत्पादन, किसानोपयोगी तकनीक एवं प्रकाशन में गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक लगातार कार्य कर रहे है। वैज्ञानिकों द्वारा किये गये नये शोध एवं तकनीकों के लिए कई पेटेन्ट पर विश्वविद्यालय को स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है। विश्वविद्यालय के 9 कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किसानों को तकनीक, बीज एवं अन्य साधनों के माध्यम से सहायता पहुंचाई जा रही है जिनका लाभ लेकर किसान अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं।
पन्तनगर विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों के निदेशक डॉ. एच.जे. शिव प्रसाद द्वारा विश्वविद्यालय की शिक्षण व्यवस्था तथा परिसर में उपस्थित शोध एवं शिक्षण के लिए उपलब्ध सुविधाओं/ठांचों के बारे में अन्तर्राष्ट्रीय डेलिगेशन को अवगत कराया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू तथा ज्ञान एवं स्पार्क परियोजनाओं में चल रहे गतिविधियों के बारे में भी प्रकाश डाला।
यूसीडी के निदेशक प्रो. यूलिन एवं प्रो. फ्रैंक मोनाहन ने यूसीडी के विभिन्न विभागों में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में अवगत कराया एवं सुरभि जोशी ने पन्तनगर विश्विद्यालय में आने पर प्रशन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि दस वर्ष पूर्व यूसीडी में भारतीयमूल के 15 विद्यार्थी थे जिनकी संख्या बढ़कर 1800 हो गयी है। सेंट पीटर्सबर्ग की डॉ. लियुटिक एकातेरिना तथा सभी विद्यार्थी पन्तनगर विश्विद्यालय में आगमन पर प्रशन्नता व्यक्त किये। इस बैठक में कुलसचिव, नियंत्रक, अधिष्ठाता, निदेशक, अपर मुख्य कार्मिक अधिकारी के साथ अंतर्राष्ट्रीय मामले के अंतर्गत कार्यरत अधिकारी डा. अनीता आर्य एवं डॉ. स्नेहा दोहरे उपस्थित थी।
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