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उत्तराखंड में भूतपूर्व सशस्त्र सैन्य और अर्द्वसैनिक बलों के संगठन हैं, जो अपने-अपने विचारों और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए संगठित हैं। इनकी संख्या लगभग 50 से 60 है। हम उत्तराखंड की राजनीति में संगठित रूप से भागीदारी करने में क्यों असफल रहे हैं? यह विचारणीय और गहन चिंतन का विषय है।
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उत्तराखंड में भूतपूर्व सशस्त्र सैन्य और अर्द्वसैनिक बलों के संगठन हैं, जो अपने-अपने विचारों और लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए संगठित हैं। इनकी संख्या लगभग 50 से 60 है। हम उत्तराखंड की राजनीति में संगठित रूप से भागीदारी करने में क्यों असफल रहे हैं? यह विचारणीय और गहन चिंतन का विषय है।
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