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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्र सिंह नेगी के 73वें जन्मदिन पर उनके जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘सृजन से साक्षात्कार’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी गिरदा, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चंद्र सिंह राही सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख लोक संस्कृति के रचनाकारों, लोकगायकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
READ MOREचंद्र सिंह राही ने जो शब्द बुने, जो धुन विकसित की, उसमें पहाड़ ने अपने सुकून को तलाशा। वही गीत पहाड़ की महिलाओं, सीमा पर जाते फौजी ने गुनगुनाए। इन गीतों से दूर परदेश में रहने वाले युवा ने अपने घर को याद किया। कुछ ऐसे गीत जो हमेशा पहाड़ की संस्कृति में घुले-मिले रहेंगे।
READ MOREगढ़वाल-कुमाऊं वॉरियर्स उत्तराखंड एक ऐसा संगठन है, जिसे पहाड़ से निकलकर अपने-अपने क्षेत्रों में बड़ा मुकाम हासिल करने वाले उत्तराखंडियों ने बनाया है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पहाड़ के ज्यादा से ज्यादा लोगों से संपर्क स्थापित कर अपनी संस्कृति को पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाना है।
READ MOREजीत सिंह नेगी के ‘मलेथा की कूल, जीतू बगड्वाल, रामी बोराणी, शाबाश मेरा मोती ढांगा जैसे नाटक आज उत्तराखंड के लोक नाटकों की विरासत हैं। उनकी कई अमर रचनाएं हैं, ‘घास काटी की प्यारी छेला’, ‘पिंगला प्रभात सी।’ उनके बारे में कहा जाता था कि ‘जहां गीत होते, वहां जीत होते।’
READ MOREलॉकडाउन के बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार छीन लिए लेकिन उन लोगों को काफी नुकसान हुआ जिनके आय के निश्चित स्रोत नहीं थे। उत्तराखंड के सुदूर इलाकों में रहने वाले कलाकार भी उनमें से एक है। ऐसे में इन लोक कलाकारों की मदद कर रहा है एक फाउंडेशन…
READ MOREसफल जनता कर्फ्यू के बाद सोमवार को लोगों के रवैये में लापरवाही दिखाई दी और तमाम अपीलों के बावजूद लोग सड़कों पर घूमते नजर आए। इसके बाद कुछ राज्यों ने कर्फ्यू लगा दिया है। नेगी जी अपील का शीर्षक ‘हतजोड़ै संदेस’ है।
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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्र सिंह नेगी के 73वें जन्मदिन पर उनके जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘सृजन से साक्षात्कार’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी, मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी गिरदा, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चंद्र सिंह राही सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख लोक संस्कृति के रचनाकारों, लोकगायकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
READ MOREचंद्र सिंह राही ने जो शब्द बुने, जो धुन विकसित की, उसमें पहाड़ ने अपने सुकून को तलाशा। वही गीत पहाड़ की महिलाओं, सीमा पर जाते फौजी ने गुनगुनाए। इन गीतों से दूर परदेश में रहने वाले युवा ने अपने घर को याद किया। कुछ ऐसे गीत जो हमेशा पहाड़ की संस्कृति में घुले-मिले रहेंगे।
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