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मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पौधे कम लगाए जाएं परंतु जितने भी लगाए जाएं उनको जीवित रखने का हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इससे जुड़ना होगा।
READ MOREमुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्वर्गीय जीत सिंह नेगी जी को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर किया जा रहा है। संस्कृति के क्षेत्र में वे सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। हरिद्वार बाईपास पर आकाशवाणी भवन के निकट स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का उद्घाटन इसी वर्ष फरवरी माह में किया गया था। इस हाईटेक प्रेक्षागृह की क्षमता 270 है।
READ MOREजीत सिंह नेगी के ‘मलेथा की कूल, जीतू बगड्वाल, रामी बोराणी, शाबाश मेरा मोती ढांगा जैसे नाटक आज उत्तराखंड के लोक नाटकों की विरासत हैं। उनकी कई अमर रचनाएं हैं, ‘घास काटी की प्यारी छेला’, ‘पिंगला प्रभात सी।’ उनके बारे में कहा जाता था कि ‘जहां गीत होते, वहां जीत होते।’
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पौधे कम लगाए जाएं परंतु जितने भी लगाए जाएं उनको जीवित रखने का हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इससे जुड़ना होगा।
READ MOREमुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्वर्गीय जीत सिंह नेगी जी को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर किया जा रहा है। संस्कृति के क्षेत्र में वे सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। हरिद्वार बाईपास पर आकाशवाणी भवन के निकट स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का उद्घाटन इसी वर्ष फरवरी माह में किया गया था। इस हाईटेक प्रेक्षागृह की क्षमता 270 है।
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