अक्षय तृतीया पर खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट, पुष्प वर्षा से किया गया श्रद्धालुओं का स्वागत

अक्षय तृतीया पर खुले गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट, पुष्प वर्षा से किया गया श्रद्धालुओं का स्वागत

यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई। इस साल चारधाम यात्रा में पुष्प वर्षा की जा रही है। यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुले, हेलीकॉप्टर की मदद से खरखारी में स्थित मां यमुना की डोली के चारों तरफ हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई है इसके साथ ही अन्य धामों में भी पुष्प वर्षा की जानी है।

अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गये। गंगोत्री धाम के कपाट दोपहर 12ः35 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12ः41 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गये। केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल व बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा का विधिवत शुरूआत हो गई। यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई। इस साल चारधाम यात्रा में पुष्प वर्षा की जा रही है। यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर खुले, हेलीकॉप्टर की मदद से खरखारी में स्थित मां यमुना की डोली के चारों तरफ हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई है इसके साथ ही अन्य धामों में भी पुष्प वर्षा की जानी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा हर्षोल्लास के साथ होगी। उन्होंने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, मां यमुनोत्री एवं गंगोत्री की कृपा सभी पर बनी रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश एवं प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना भी की। उन्होंने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना कर मां गंगा जी का आशीर्वाद लिया । मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा की चारधाम यात्रा के लिए देश विदेश से जो भी श्रद्धालु आएंगे उनके दर्शन कराए जाएंगे। चार धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सभी व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जा रही है।

गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12:15 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वाथ अमृत सिद्ध योग पर 12:35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीय के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रात: 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मूहूर्त में 12:41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।

चारों धामों में श्रद्धालुओं की संख्या की सीमा हटाई

उत्तराखंड में गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा प्रारंभ हो गई। चारधाम यात्रा को लेकर धामी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है चारों धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। चारों धामों में दर्शन को संख्या निर्धारित करने को लेकर तीर्थ पुरोहितों के साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े कारोबारियों के मध्य से विरोध के सुर उठ रहे थे। इसे देखते हुए सरकार ने यात्रा शुरू होने से एक दिन पहले यह कदम उठाया है। चारों धामों में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए टोकन व्यवस्था लागू रहेगी। इस बैठक में बताया गया कि चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य रहेगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ही आफलाइन का विकल्प भी रखा गया है। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से 2200 यात्रियों के पहले जत्थे को गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए रवाना किया। प्रदेश की आर्थिकी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा को लेकर सरकार फरवरी से ही तैयारियों में जुट गई थी।

21 फरवरी से शुरू हुआ था आनलाइन पंजीकरण

चारधाम के लिए 21 फरवरी से आनलाइन पंजीकरण खोले गए थे। चारधाम यात्रा के लिए अब तक 16 लाख से अधिक यात्री पंजीकरण करा चुके हैं। इसके साथ ही सरकार ने चारों धामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी थी। बदरीनाथ में प्रतिदिन 18000, केदारनाथ में 15000, गंगोत्री में 9500 व यमुनोत्री में 5500 प्रतिदिन की संख्या तय की गई थी। कुछ समय पहले तीर्थ पुरोहितों और चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े कारोबारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर इस सीमा को हटाने का आग्रह किया था।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर अब चारों धामों में प्रतिदिन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रखने के निर्णय को वापस ले लिया गया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे में आदेश जारी किया हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यात्राकाल में यात्रियों के पंजीकरण के लिए आनलाइन व आफलाइन व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भीड़ नियंत्रण के लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी।

चारधाम यात्रा में इस बार भारी संख्या में यात्रियों की आने की उम्मीद है जिसको देखते हुए प्रशासन ने अपनी ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं लेकिन इसके बावजूद भी श्रद्धालुओं को पंजीकरण करने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। आज पहले दिन ही यात्रियों को पंजीकरण करने में परेशानी हो रही है।

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