सीएम पद की होड़ में त्रिवेंद्र सिंह सरकार में राज्यमंत्री रहे धन सिंह रावत को सबसे आगे बताया जा रहा है। वह संघ के करीबी हैं। उनके नाम पर त्रिवेंद्र सिंह की सहमति भी बताई जाती है। भाजपा मीडिया सेल के प्रभारी अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पसंद माने जाते हैं। हालांकि अब तक वह केंद्रीय भूमिका में अधिक रहे हैं।
उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर मीडिया में अटकलों का दौर जारी है। बुधवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर भाजपा के उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और दुष्यंत गौतम देहरादून पहुंच गए हैं। उनके अलावा राज्य के पांचों सांसद भी देहरादून पहुंचे हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि राज्य सभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन वह दिल्ली में ही हैं। सूत्रों के मुताबिक, उनका देहरादून आने का कोई कार्यक्रम नहीं है।
बहरहाल, सीएम पद की होड़ में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में राज्यमंत्री रहे धन सिंह रावत को सबसे आगे बताया जा रहा है। उनकी पहचान जमीनी नेता की है। वह संघ के करीबी हैं। उनके नाम पर त्रिवेंद्र सिंह रावत की सहमति भी बताई जाती है। अनिल बलूनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पसंद माने जाते हैं। हालांकि अब तक वह केंद्रीय भूमिका में अधिक रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद बलूनी के साथ बैठक को उनके सीएम बनने की संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है। सीएम पद के अन्य दावेदारों में सतपाल महाराज का नाम भी खूब चर्चा में रहा है। नैनीताल से सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम भी रेस में सामने आ रहा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को लोकसभा चुनाव में पटखनी दी थी, इसलिए उन्हें भी हैवीवेट माना जा रहा है।
भाजपा विधायक दल की बैठक प्रदेश कार्यालय में सुबह दस बजे होनी हैं। इससे पहले, यह चर्चा भी रही कि क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए कुमाऊं से पुष्कर सिंह धामी को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि छोटे राज्य उत्तराखंड में इस बात की संभावना कम ही नजर आती है।
चार साल से कुछ कम समय तक मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पार्टी के सामूहिक निर्णय के बाद सीएम पद से मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी ने चार साल तक राज्य की सेवा करने का अवसर दिया। अब सामूहिक निर्णय हुआ है कि राज्य की बागडोर नए नेतृत्व को सौंप दी जाए।
सूत्रों के मुताबिक, नए मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल की शपथ 18 मार्च के बाद ही होगी। तब तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह अपनी जिम्मेदारियां संभालेंगे और पार्टी के चार साल के निर्धारित कार्यक्रमों में शिरकत भी करेंगे।
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