उद्योग निदेशालय उत्तराखंड द्वारा देहरादून के पटेल नगर में हिमाद्रि शोरूम का उद्घाटन उत्तराखंड के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा किया गया। इस दौरान गणेश जोशी ने कहा कि राज्य में सरकार की प्राथमिकता लघु उद्योगों का विकास करना है। लघु उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उत्तराखंड में शिल्प के क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले उद्यमियों को उद्योग निदेशालय द्वारा वर्ष 2019 के लिए ‘उत्तराखंड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार’ प्रदान किया गया है। उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने यह पुरस्कार प्रदान किए। प्रथम पुरस्कार पौड़ी जिले को मिला है। पौड़ी जिले के यमकेश्वर के डांडामंडल किमसार के मूल निवासी गिरीश कंडवाल को रामबास लघु उद्योग के तहत शिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। द्वितीय पुरस्कार पिथौरागढ़, तृतीय चमोली और चतुर्थ टिहरी को दिया गया।
उद्योग निदेशालय उत्तराखंड द्वारा देहरादून के पटेल नगर में हिमाद्रि शोरूम का उद्घाटन उत्तराखंड के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा किया गया। इस दौरान गणेश जोशी ने कहा कि राज्य में सरकार की प्राथमिकता लघु उद्योगों का विकास करना है। लघु उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर पर्यटन स्थल पर हिमाद्रि शोरूम खोलकर उत्तराखंड में निर्मित शिल्प को वहां पर रखा जाना चाहिए, ताकि पर्यटन के साथ-साथ लघु उद्योगों का भी विकास हो सके।
गिरीश कंडवाल ने रामबास पर सन 1980 में अपने गांव में काम करना शुरू किया। उस समय वहां सड़क और बिजली की सुविधा तक नहीं थी। रामबास की खेती भी घर से तीन किलोमीटर दूर टांडी भवासी में की जाती थई। उसके बाद जब काम का विस्तार हो गया तो इसकी इकाई कोटद्वार में स्थापित की गई। रामबास से उन्होंने टोकरी, जैकेट, आदि कई उत्पाद तैयार किए। उनके रामबास के उत्पादों की पूरे भारत मे मांग रही है। उनके इसी अथक प्रयास और मेहनत के चलते उन्हें उत्तराखंड शिल्प रत्न पुरस्कार 2019 मिला है। गिरिश कंडवाल आज भी टांडी में निराश्रित गायों के लिए गौशाला चला रहे हैं, इनमें लगभग 60 से अधिक गौ वंश हैं।
इस कार्यक्रम में देहरादून के धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सचिव उत्तराखंड राधिका झा,आयुक्त/ महानिदेशक रोहित मीणा और निदेशक उद्योग सुबोध चंद्र नौटियाल समेत कई लोग उपस्थित रहे।
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