उत्तराखंड में जल क्रीडा करने और करवाने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग जैसी एक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठा रहा है इसके तहत गंगा को छोड़कर अन्य नदियों में राफ्टिंग शुल्क माफ कर दिया जायेगा, जिससे वहां की जल क्रीड़ा की गतिविधियां को संचालित करने वाले आपरेटरों को मदद मिलेगी।
उत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग जैसी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इस कड़ी में गंगा को छोड़कर राज्य की सभी नदियों में राफ्टिंग व कयाकिंग गतिविधियां संचालित करने वाले आपरेटरों से लिए राफ्टिंग शुल्क को तीन वर्ष के लिए माफ कर दिया गया है।
सरकार के निर्देश के बाद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं। गंगा नदी में राफ्टिंग व कयाकिंग गतिविधियां निरंतर संचालित हो रही हैं। जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। अन्य नदियों में भी जल क्रीड़ा की इन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राफ्टिंग व कयाकिंग के संचालकों का तीन साल का शुल्क माफ करने का निर्णय लिया। गंगा में पांच राफ्ट तक प्रति राफ्ट 13,764 रुपये राफ्टिंग शुल्क लिया जाता है। इसी तरह काली, यमुना, टौंस व अलकनंदा में यह शुल्क 6,108 रुपये और अन्य नदियों में 4,190 रुपये प्रति राफ्ट निर्धारित है।
तीन नदियों में फ्री होगी जल क्रीड़ा
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद से मिली जानकारी के अनुसार, अब गंगा को छोड़कर अन्य नदियों में राफ्टिंग शुल्क माफ कर दिए जाने से वहां जल क्रीड़ा की गतिविधियां को संचालित कर रहे आपरेटरों को मदद मिलेगी। इसके साथ ही काली, सरयू, रामगंगा समेत अन्य नदियों में भी जल क्रीड़ा से संबंधित गतिविधियां तेज होंगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे और यहां के लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।
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