हिल मेल ब्यूरो, नई दिल्ली करगिल जंग के दो दशक बाद देश को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिल गया है। मोदी सरकार ने आर्मी चीफ पद से रिटायर हुए जनरल बिपिन रावत को पहला CDS बनाया है। आने वाले दिनों में पहले सीडीएस के
हिल मेल ब्यूरो, नई दिल्ली
करगिल जंग के दो दशक बाद देश को पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ मिल गया है। मोदी सरकार ने आर्मी चीफ पद से रिटायर हुए जनरल बिपिन रावत को पहला CDS बनाया है। आने वाले दिनों में पहले सीडीएस के सामने सबसे बड़ी चुनौती तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और उसे उन चुनौतीपूर्ण हालात से निपटने के लिए तैयार रखना होगा, जिसकी बात करगिल युद्ध के बाद की गई थी।
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आइए समझते हैं सीडीएस की शक्तियां
- CDS तीनों सेनाओं का प्रमुख होगा। चार स्टार जनरल रैंक के अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया जाएगा, जिसे सैन्य प्रबंधन में विशेष योग्यता हासिल होगी।
- सीडीएस तीनों सेनाओं से जुड़े मामलों में रक्षा मंत्री को सलाह देगा और उनका प्रधान सैन्य सलाहकार होगा।
- पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से सीडीएस बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सीडीएस तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करेगा और उन्हें प्रभावी नेतृत्व देगा।
- नाटो से जुड़े ज्यादातर देशों में इस तरह का पद है और इनकी शक्तियां देश के आर्म्ड फोर्सेज में सबसे ऊपर होती हैं। हर देश अपने-अपने यहां अलग-अलग शक्तियां देता है।
- खास बात यह है कि अब सैन्य ऑपरेशन के समय रणनीति तेजी से बनाई जा सकेगी और इस पर अमल हो सकेगा।
- 1999 के युद्ध के बाद लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने पाया था कि तीनों सेनाओं के बीच करगिल वॉर के समय समन्वय की कमी रह गई थी। अगर तीनों सेनाओं के बीच ठीक से तालमेल होता तो नुकसान को कम किया जा सकता था।
- दुनिया की तीसरी बड़ी सेना के साथ अब देश को सीडीएस भी मिल गया है जो 65 साल तक अपनी सेवा दे सकेंगे।
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