2020 की शुरुआत में न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आ जाएगा। 2024-25 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को पूरा किया जाना है। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन में यहां ट्रेन करीब 105 किलोमीटर की दूरी तक सुरंगों से गुज़रेगी। वाई एस बिष्ट, नई दिल्ली
2020 की शुरुआत में न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आ जाएगा। 2024-25 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को पूरा किया जाना है। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन में यहां ट्रेन करीब 105 किलोमीटर की दूरी तक सुरंगों से गुज़रेगी।
वाई एस बिष्ट, नई दिल्ली
पहाड़ पर रेल के सपने का पहला पड़ाव साकार होने को है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में ट्रेन के वर्षों पुराने सपने को तब गति मिली जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इसमें दिलचस्पी दिखानी शुरू की। देखते ही देखते उत्तराखंड के तीर्थों को रेलवे लाइन से जोड़ने की योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बन गई। उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों से उनका जुड़ाव जगजाहिर है, लिहाजा रेलवे ने भी इस दिशा में रफ्तार दिखाई। रेल विकास निगम लिमिटेड के मुताबिक, 2020 की शुरुआत में न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन अस्तित्व में आ जाएगा। इससे आगे भी तेज़ी से रेल पटरी का निर्माण तेज़ी से जारी है। 2024-25 तक ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को पूरा किया जाना है। यह प्रोजेक्ट देश में अपनी तरह का अनूठा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक की दूरी 175 किलोमीटर है, जबकि रेलमार्ग 125 किलोमीटर होगा। इस दूरी में से यहां ट्रेन करीब 105 किलोमीटर तक सुरंगों से गुज़रेगी।
न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन को एक टर्मिनल के रूप में तैयार किया जा रहा है। इस स्टेशन पर दस प्लेटफार्म होंगे, जिनमें इतनी ही ट्रेन एक बार में खड़ी हो सकती हैं। न्यू ऋषिकेश से यदि रेल गाड़ियों का संचालन शुरू हो जाता है तो हरिद्वार तक आने वाली अधिकांश गाड़ियों को ऋषिकेश से संचालित किया जा सकता है। यानी इस स्टेशन के तैयार होते ही ऋषिकेश से लंबी दूरी की रेल सेवाओं के संचालन की वर्षों पुरानी मुराद भी पूरी हो जाएगी। न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा स्टेशन होगा, जिसमें एक से दूसरे प्लेटफार्म तक जाने के लिए अंडर ब्रिज होगा।
माना जा रहा है कि यह रेल लाइन इस क्षेत्र के विकास की लाइफ लाइन भी साबित होगी। इसके आने से नए व्यापारिक केंद्रों तक कनेक्टिविटी होगी, पिछड़े इलाकों का विकास होगा और सबसे महत्वपूर्ण इस क्षेत्र के लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यह रेल लाइन औद्योगिक विकास, कुटोर उद्योगों को गति देगी और राज्य की अर्थव्यवस्था एवं पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाएगी। इस रेल लाइन से देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे अहम स्थान जुड़ेंगे। खास बात यह है कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पांच जिलों देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली को जोड़ेगी।
रेल मंत्रालय द्वारा सितंबर 2011 में रेल विकास निगम लिमिडेट (आरवीएनएल) को इस प्रतिष्ठित परियोजना के कार्यान्वयन का दायित्व सौंपा गया था। शुरुआती सर्वे के बाद रेल मंत्रालय ने 2010-11 में 4295.3 करोड़ रुपये की लागत वाले इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। रेलवे बोर्ड ने नवंबर 2016 में इस प्रोजेक्ट के विस्तृत अनुमान के साथ 16216.31 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। भौगोलिक बाधाओं और चुनौतियों को देखते हुए यह प्रोजेक्ट अपने आप में अनूठा है। यही वजह है कि इस प्रोजेक्ट पर फाइनल लोकेशन सर्वे से पहले सभी विशेषज्ञ संस्थाओं से संपर्क साधा गया।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट पर एक नजर
क्रम संख्या |
मानक |
अंतिम योजना |
1. | कुल लंबाई (किमी) | 125.20 |
2. | स्टेशनों की संख्या | 12 |
3. | सुरंगों की संख्या | 17 |
4. | सुरंगों की कुल लंबाई (किमी) | 105.47 |
9. | महत्वपूर्ण पुलों की संख्या | 16 |
10. | पुलों की कुल लंबाई (मीटर) | 2835 |
11. | पुलों की अधिकतम ऊंचाई (मीटर) | 50 |
12. | पुल की अधिकतम लंबाई (मीटर) | 460 |
16. | विस्तृत अनुमान (2016) के अनुसार परियोजना की कुल लागत | 16,216 Cr |
12 स्टेशन होंगे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रूट पर
न्यू ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, आक्सरी, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलाणी, घोलतिर, गौचर, सिवई
कहां-कहां चल रहा काम
क्रम संख्या |
साइट |
काम की प्रकृति |
1 | वीरभद्र-ऋषिकेश खंड | स्टेशन निर्माण, ट्रैक बिछाने का काम |
2 | आरओबी एवं आरयूबी ऋषिकेश | रोड ब्रिज |
3 | चंद्रभागा ब्रिज (संख्या-1) – रेल ब्रिज | रेल ब्रिज |
4 | एडीआईटी 1 (नीरगडु), 2 (शिवपुरी एवं गुलेर के बीच) एवं 3 (गुलेर एवं ब्यासी के बीच) | मुख्य सुरंग के लिए संपर्क सुरंग |
5 | विभिन्न प्रोजेक्ट साइटों के लिए संपर्क मार्ग (शिवपुरी, गुलेर, कोडियाला, डुंगरीपंथ, घोलतिर, गौचर एवं कालेश्वर | रोड |
6 | लचमोली ब्रिज (संख्या 8) – रेल ब्रिज | झनासू एवं लचमोली के बीच रेल ब्रिज |
7 | श्रीनगर ब्रिज (संख्या 9) – रेल ब्रिज | श्रीनगर एवं रनिहाट के बीच रेल ब्रिज |
8 | श्रीनगर रोड ब्रिज – रोड ब्रिज | श्रीनगर एवं नथाणा के बी रोड ब्रिज |
9 | एडीआईटी 6 (स्वेत गांव), 6ए (खांकरा) एवं 7 (जवारी बाईपास, रुद्रप्रयाग) | मुख्य सुरंग के लिए संपर्क सुरंग |
10 | गौचर ब्रिज (रोड ब्रिज) | भटनगर और रानो के बीच रोड ब्रिज |
11 | कालेश्वर-सिवई ब्रिज (रोड ब्रिज) | कालेश्वर एवं सिवई के बीच रोड ब्रिज |
परियोजना के लक्ष्य:
ब्लॉक | शुरू होने का समय |
वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश | 2019-20 |
न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग | 2023-24 |
देवप्रयाग-कर्णप्रयाग | 2024-25 |
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *