कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है, जरा सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। उत्तराखंड के गांवों में दूसरे राज्यों से आ रहे लोगों को और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। सामाजिक दूरी में जरा सा चूके तो खुद के साथ गांववालों के लिए भी मुसीबत का सबब बन सकते हैं।
अनलॉक भले ही शुरू हो गया हो पर कोरोना के मामले कम नहीं हुए हैं। देश की बात करें या उत्तराखंड की, केस हर रोज आ रहे हैं। बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में लौटे प्रवासियों के चलते अब गांवों में भी कोरोना फैलने का डर है। पौड़ी गढ़वाल के 2 गांवों में 4 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। इनमें से तीन एक ही परिवार के सदस्य हैं जो हाल में गाजियाबाद से लौटे हैं।
पहला मामला- पौड़ी गढ़वाल के कल्जीखाल ब्लॉक के अंतर्गत कपोलस्यूं पट्टी के बिष्टबूंगा गांव का है, जहां लोगों की टेंशन बढ़ गई है। यहां तीन लोग एक ही परिवार के कोरोना पॉजिटिव आए हैं। तीनों गाजियाबाद से लौटे थे। चौथा युवक दिल्ली के नजफगढ़ से नौली गांव लौटा था। चिंता की बात यह है कि इन लोगों का गांव के कई लोगों से संपर्क हुआ है।
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बिष्टबूंगा गांव में कुछ दिन पूर्व गाजियाबाद से एक व्यक्ति अपनी पत्नी व 10 साल की बेटी व एक अन्य सदस्य के साथ आया था। उनके साथ ही एक 22 वर्षीय युवक भी दिल्ली के नजफगढ़ से पास के गांव नौली आया था। 9 जुलाई को चार लोगों के सैंपल कोरोना जांच के लिए भेजे गए जबकि एक व्यक्ति का सैंपल नहीं लिया गया था। शनिवार को रिपोर्ट आने पर हड़कंप मच गया।
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद इन लोगों को बेस अस्पताल श्रीनगर गढ़वाल भेज दिया गया। इनके संपर्क में आये अन्य लोगों को भी आइसोलेशन में भेज दिया गया है।
ग्राम प्रधान ने बताया कि ये लोग बीते 1 जुलाई दिल्ली/एनसीआर से गांव लौटे थे और इन्हें लॉकडाउन के नियमों के अनुसार प्रथामिक विद्यालय बूंगा में संस्थागत क्वारंटीन में रखा गया था। इसी बीच आसपास के गांव की स्कूल में सांप आने की सूचना के कारण उच्च अधिकारियों से बात करने के बाद इन लोगों को होम क्वारंटीन में रहने के लिए कहा गया।
राजस्व उप निरीक्षक मोहम्मद नासिर ने क्षेत्र के सहायक नोडल अधिकारी/नोडल अधिकारी तथा ग्राम प्रधान को नोटिस जारी कर कहा है कि इन सभी कोरोना संक्रमित लोगों का गांव के लगभग सभी व्यक्तियों से संपर्क हुआ है। ये लोग सामूहिक जलस्रोत से पानी लाए थे, जिसके बाद राजस्व उप निरीक्षक मोहम्मद नासिर ने क्षेत्र के सहायक नोडल अधिकारी/नोडल अधिकारी तथा ग्राम प्रधान को नोटिस जारी कर हिदायत दी है कि दोनों गांव को 12 जुलाई से 25 जुलाई तक 14 दिनों के लिए होम क्वारंटीन रहना होगा।
गांववालों से साफ तौर पर कहा गया है कि इसका पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। सहायक नोडल अधिकारी, नोडल अधिकारी, ग्राम प्रधान, ग्राम प्रहरी और अन्य को हिदायत दी जाती है कि क्वारंटीन अवधि में उपरोक्त ग्रामवासियों के दैनिक क्रियाकलाप, उनके आने-जाने पर निगरानी रखें और अवगत कराएं। नोटिस का उल्लंघन करने पर महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सहायक नोडल, अधिकारी नोडल अधिकारी, आशा कार्यकत्री, एएनएम को हिदायत दी गई है कि गांव वालों के पारिवारिक विवरण तैयार कर रिपोर्ट दें।