मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गांधी पार्क में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। देवभूमि के 75 सैनिकों ने इस युद्ध में देश रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर किए।
मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए कहा कि उत्तराखंड में सैनिकों की वीरता व बलिदान की लंबी परंपरा रही है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है।
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इससे पहले कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोतरी की है। पूर्व सैनिकों/वीरांगनाओं और उनके आश्रितों को स्वावलंबी बनाने के लिए सभी जिलों में कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश स्तर पर अपर मुख्य सचिव नोडल आफिसर हैं जबकि प्रत्येक जनपद में सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
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