कर्नल कोठियाल के यूथ फाउंडेशन का जलवा, इस बार 560 युवाओं को बनाया भारतीय सेना का हिस्सा

कर्नल कोठियाल के यूथ फाउंडेशन का जलवा, इस बार 560 युवाओं को बनाया भारतीय सेना का हिस्सा

कर्नल कोठियाल की प्रेरणा से चल रहे यूथ फाउंडेशन ने एक बार फिर बड़ी सफलता अर्जित की है। सेना में भर्ती से पहले यूथ फाउंडेशन के निशुल्क प्रशिक्षण कैंप में ट्रेनिंग लेने वाले 560 युवाओं का सेना में चयन हुआ है। फाउंडेशन युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए तैयार करता है।

कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल का यूथ फाउंडेशन नित नई सफलताएं हासिल कर रहा है। इस बार यूथ फाउंडेशन के 560 युवाओं का सेना में चयन हुआ है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लगाए जा रहे निशुल्क सेना भर्ती पूर्व प्रशिक्षण कैम्प में ट्रेनिंग ले रहे दूरदराज से आए युवाओं में से 560 कैडेट्स का सेना में चयन होने से खुशी की लहर दौड़ गई है।

कोरोना काल में फाउंडेशन का कामकाज भी प्रभावित हुआ, पर कर्नल कोठियाल की टीम ने हार नहीं मानी। ऐसे में सभी युवाओं को वर्चुवल क्लास के माध्यम से शारीरिक और लिखित परीक्षा के लिए तैयार किया गया।

गढ़वाल राइफल रेजीमेंट सेंटर लैंसडाउन के भवानी दत्त जोशी ग्राउंड में आयोजित सैनिक जीडी श्रेणी के अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा का परिणाम आज सेना द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किया गया है।

इसमें सैनिक जीडी श्रेणी के लगभग 3600 युवा और सैनिक नर्सिंग सहायक, सैनिक क्लर्क/एसकेटी के 400 युवा लिखित परीक्षा में बैठे थे, जिसमें से लगभग 2650 युवाओं का सेना में चयन हुआ। यूथ फाउंडेशन ने सभी सफल अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी हैं।

फाउंडेशन उत्तराखंड में आठ जगहों पर प्रशिक्षण कैंप चलाता है। रुद्रप्रयाग के अगस्तमुनि, पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के चौरांस और कोटद्वार, देहरादून के बालावाला और रुद्रपुर, चमोली के कर्णप्रयाग, उत्तरकाशी और नैनीताल के पीरूमदारा में यूथ फाउंडेशन के कैंप संचालित होते हैं।

यहां ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को उसी माहौल में तैयार किया जाता है, जिस माहौल में भारतीय सेना का जवान तैयार होता है। सुबह 6 बजे से ट्रेनिंग का सिलसिला शुरू होता है, जो देर शाम तक चलता है। चिन-अप, रस्सी पर चढ़ना-उतरना और लॉन्ग जंप हर तरह के मुश्किल से मुश्किल प्रशिक्षण से सभी को गुजरना होता है।

सेना के पूर्व प्रशिक्षकों के साथ ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की महिला प्रशिक्षक यूथ फाउंडेशन के कैंप में लड़कियों को ट्रेनिंग देती हैं। अब तक उत्तराखंड के हजारों स्थानीय युवा यूथ फाउंडेशन के कैंपों में प्रशिक्षण लेकर गढ़वाल, कुमाऊं रेजीमेंट, अन्य सैन्य बलों और अर्धसैन्य बलों का हिस्सा बना चुके हैं।

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