उत्तराखंड सरकार ने पहले ही आशंका जताई थी कि प्रवासियों के लौटने के बाद कोरोना के केस बढ़ सकते हैं और वैसा दिख भी रहा है। अब हर रोज 7-8 केस सामने आने लगे हैं। इससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ गई है। आज कोरोना के कुल मामले 173 तक जा पहुंचे हैं।
वैसे तो उत्तराखंड खासतौर से पहाड़ के लोग लॉकडाउन का अच्छे तरीके से पालन करते आ रहे हैं, लेकिन अब और भी सतर्क होने की जरूरत है। पहले जहां 2-4 दिनों में कोरोना का एक मरीज सामने आता था, अब हर रोज रेकॉर्ड केस बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को प्रदेश में सात संक्रमित मरीज मिले थे लेकिन शनिवार सुबह खबर आई कि पूरे 20 केस और बढ़ गए हैं। शनिवार को आए केस में सात चंपावत से, 3 अल्मोड़ा से, दो देहरादून, एक केस हरिद्वार जिले से, दो नैनीताल से, 2 पिथौरागढ़ से और तीन उत्तरकाशी जिले से सामने आए हैं।
इस बीच एम्स ऋषिकेश में भर्ती कैंसर पीड़ित महिला की शुक्रवार शाम मौत हो गई। यह महिला कोरोना संक्रमित थी। प्रदेश में कोरोना से हुई यह दूसरी मौत है। एक मई को एम्स में ही हल्द्वानी निवासी 56 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई थी। वह ब्रेन अटैक के चलते अस्पताल में भर्ती हुई थी और कोरोना जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
उत्तराखंड में कोरोना से संक्रमित मरीजों (corona cases in Uttarakhand) की कुल संख्या 173 हो गई है। आपको बता दें कि शुक्रवार को राज्य में जो सात संक्रमित मरीज सामने आए थे, उनमें तीन देहरादून, दो-दो हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले में मिले थे।
आज सामने आए मामलों की डीटेल जानिए
रुड़की के आदर्श नगर में रहने वाले 54 साल के शख्स का कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है। वह मुंबई से हरिद्वार आए थे। इनका नमूना नारसन बॉर्डर से लिया गया था। हरिद्वार जनपद में अब एक्टिव केस 6 हो गए हैं। ये सभी रुड़की क्षेत्र से आए हैं और चिंता की बात यह है कि सभी प्रवासी हैं। इससे पहले सात मामले आए थे जो ठीक हो चुके थे। लेकिन नए मामले आने से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।
…मिलिए देवभूमि के उन लोगों से जो खास तरह से कोरोना के खिलाफ जंग में दे रहे योगदान
चंपावत जिला अब तक कोरोना से बचा हुआ था लेकिन यहां अचानक 7 केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ गई है। पॉजिटिव पाए गए चार युवक मुबंई से 21 मई को आए हैं, जिन्हें पर्यटक आवास गृह टनकपुर में क्वारंटीन किया गया है। तीन अन्य युवकों के बारे में बताया गया है कि वे नोएडा और गुरुग्राम से पहले ही आ गए थे, जिन्हें उन्हीं के क्षेत्र के क्वारंटीन सेंटरों में रखा गया है। वहीं देहरादून से भी चार मामले सामने आए हैं।
हॉटस्पॉट से आ रहे प्रवासियों से बढ़ रहे केस
बताया जा रहा है कि मुंबई से लौटे चारों युवक चंपावत व लोहाघाट के रहने वाले हैं और ये बसों से 21 मई को आए थे, उन बसों में 74 लोग सवार थे जिसमें 10 चंपावत के, 47 पिथौरागढ़, एक सितारगंज, 10 रुद्रपुर के और छह बसों के चालक-परिचालक शामिल थे। इसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के प्रशासन को दे दी गई है। इन सभी लोगों को अलर्ट रहने के साथ ही होम क्वारंटीन के लिए कहा जा सकता है।
तीन अन्य संक्रमित बनबसा के रहने वाले हैं, जो पांच दिन पूर्व आए हैं। इनमें एक युवक नोएडा और दो गुरुग्राम से आए हैं। इन सभी संक्रमितों की उम्र 22 से 47 साल के बीच है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम इन सभी की ट्रेवल हिस्ट्री खंगाल रही है।
अगर हम मई के महीने में प्रदेश में बढ़े मामलों का पैटर्न देखें तो साफ पता चलता है कि प्रवासियों के आने से कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर से जो युवक मुंबई, पुणे, दिल्ली या आसपास के किसी इलाके से प्रदेश में आ रहे हैं। ऐसे में सरकार का जोर इस बात पर है कि लोगों की स्क्रीनिंग हो और क्वारंटीन किए जाने पर लोग उसका पालन करें। सरकार ने गांव के प्रधानों को विशेष अधिकार दे रखे हैं जिससे क्वारंटीन किए गए लोगों को बाहर निकलने से रोका जा सके।
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