हिल मेल ब्यूरो, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर से हटने के फौरन बाद उनके ट्विटर हैंडल से पहली कहानी फूड बैंक इंडिया की संस्थापक स्नेहा मोहनदास ने शेयर की है। उन्होंने 2:37 मिनट का अपना वीडियो भी शेयर
हिल मेल ब्यूरो, नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर से हटने के फौरन बाद उनके ट्विटर हैंडल से पहली कहानी फूड बैंक इंडिया की संस्थापक स्नेहा मोहनदास ने शेयर की है। उन्होंने 2:37 मिनट का अपना वीडियो भी शेयर किया है। वह लिखती हैं, ‘अब समय आ गया है कुछ करने का और हमारे गरीबों की भूख मिटाकर एक बेहतर भविष्य बनाने का। हैलो, मेरा नाम स्नेहा मोहनदास है।’
स्नेहा के शेयर किए वीडियो में उनके ‘हंगर फ्री नेशन’ के अभियान की पूरी जानकारी दी गई है। स्नेहा बताती हैं कि उन्होंने चेन्नै में बाढ़ आने से पहले साल 2015 में फूड बैंक की शुरुआत की। इसके पीछे उनका मकसद भूखों को खाना खिलाना है, जिससे देश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। उन्हें अपनी मां से इस काम की प्रेरणा मिली जो घर में बर्थडे और किसी खास मौके पर बेघर लोगों को बुलाती थीं और खाना खिलाती थीं।
You heard of food for thought. Now, it is time for action and a better future for our poor.
Hello, I am @snehamohandoss. Inspired by my mother, who instilled the habit of feeding the homeless, I started this initiative called Foodbank India. #SheInspiresUs pic.twitter.com/yHBb3ZaI8n
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2020
स्नेहा ने अपने इस अभियान में फेसबुक का भी बखूबी इस्तेमाल किया। ‘फूड बैंक चेन्नै’ नाम से उन्होंने फेसबुक पेज बनाया और बड़ी संख्या में लोग उनसे जुड़ते गए। कुछ लोगों को प्रेरणा मिली और उन्होंने अपने-अपने राज्यों में भी ऐसी ही शुरुआत की। आज 20+ चैप्टर शुरू हो चुके हैं, इसमें एक दक्षिण अफ्रीका में भी शुरू हुआ। बड़ी संख्या में वॉलंटियर ही खाना बनाते हैं और फिर इसे गरीबों के बीच बांटा जाता है। लोगों से भी सहयोग के तौर पर पैसा नहीं बल्कि सामान लिया जाता है। गाड़ी से घूम-घूमकर खाने के पैकेट सड़क के किनारे बैठे बेघर लोगों और दूसरी जगहों पर मौजूद गरीबों तक खाना पहुंचाया जाता है।
स्नेहा ने बताया कि उन्होंने मास कुकिंग, कुकिंग मैराथन, ब्रेस्ट फीडिंग ड्राइव जागरूकता अभियान भी चलाया। आखिर में उन्होंने लिखा कि मैं चाहती हूं कि मेरे देशवासी मुझसे प्रेरित हों खासतौर से महिलाएं आगे आएं और मुझसे हाथ मिलाएं। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि कम से कम एक जरूरतमंद व्यक्ति को खाना खिलाइए और हंगर फ्री प्लानेट के लिए अपना योगदान कीजिए।
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