चलो मन को दें आदेश… प्रसून जोशी की इस कविता से समझिए लॉकडाउन

चलो मन को दें आदेश… प्रसून जोशी की इस कविता से समझिए लॉकडाउन

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे बॉलीवुड के जानेमाने गीतकार प्रसून जोशी ने अपनी एक कविता के जरिए लोगों से अनुरोध किया है कि वे 21 दिनों के लॉकडाउन को तपस्या की तरह स्वीकार करते हुए घर में ही रहें। उनकी इस कविता का वीडियो प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शेयर किया है। आप भी सुनिए और समझिए।

सरकार के साथ-साथ हमारे समाज के प्रबुद्ध वर्ग, जानी मानी हस्तियां, बड़े-बुजुर्ग हर कोई देशवासियों से अनुरोध कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ यह लड़ाई जीतने के लिए घर में ही रहें। उत्तराखंड के सपूत, प्रसिद्ध गीतकार और सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने 21 दिनों के लॉकडाउन पर एक कविता लिखी है। इसमें उन्होंने समझाया है कि आप लॉकडाउन के दौरान घर पर रहकर कितना बड़ा योगदान दे रहे हैं।

हां घर में रहेगा देश, हां घर में रहेगा देश… इस कविता का वीडियो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने फेसबुक पर शेयर किया है। #stayhomesavelives हैशटैग के साथ सीएम ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखा, ‘लॉकडाउन के दौरान घरों में रहना कोई बंदिश नहीं है, कोरोना संकट में घर पर रहना सबसे बड़ी देशसेवा है।’

आप भी पढ़िए प्रसून जोशी की कविता

 

‘हां घर में रहेगा देश, हां घर में रहेगा देश
इस देश को प्यार बुजुर्गों को
यहां खुद से पहले अपने हैं
कर्तव्य यहां पहले आता, और बाद में आते सपने हैं
बस यह ही एक संदेश, हां घर में रहेगा देश
21 दिन का उपवास लिए, 21 दिन का उपवास लिए
जीवन की लंबी सांस लिए, सीमा रेखा ना तोड़ेंगे
एक संयम, एक विश्वास लिए, चलो मन को दें आदेश
हां घर में रहेगा देश
संकल्प नया एक करते हैं, चलो मिलकर पीड़ा हरते हैं
इस देश के रहने वाले तो हर दिन ही तपस्या करते हैं
बढ़ जाने दो ये केश, हां घर में रहेगा देश
हां घर में रहेगा देश’

साभार –

https://www.facebook.com/ThePrasoonJoshi/videos/1152299398449927/

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