प्रशासन इन मोहल्लों की रैपिड स्क्रीनिंग करने की तैयारी में है। इसके लिए टीमें गठित की जा रही हैं। हर टीम में एक टीचर, एक पुलिस कर्मी, एक नर्स और एक आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शामिल किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण को लेकर किए जा रहे ऐहतियाती उपायों को उत्तराखंड में तेज कर दिया गया है। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना के 31 मामलों की पुष्टि हुई है। मंगलवार को कोरोना का कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया लेकिन राज्य सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसलिए जिन इलाकों में कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं, वहां करीब 15 जगहें ऐसी हैं, जिन्हें सील कर दिया गया है। अब प्रशासन पूरी तरह लॉकडाउन किए गए इन इलाकों और कॉलोनियों की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग की तैयारी में है। कुछ जगहों पर इस काम को शुरू कर दिया गया है। पूरे प्रदेश में 45 हजार से ज्यादा लोग इस समय घरों और दूसरे संस्थानों में क्वारेंटाइन में हैं।
उत्तराखंड में देहरादून कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। राज्य में पॉजिटिव मिले 31 मामलों में से 18 अकेले देहरादून से हैं। जिल में पांच आवासीय कालोनी और बस्तियों को पूरी तरह से सील कर दिया है। वहीं हरिद्वार जिले के रुड़की में पनियाला गांव को सील किया गया है जबकि कलियर और मंगलौर के कुछ घर भी निगरानी पर रखे गए हैं। इसी तरह हल्द्वानी में चार इलाकों में लॉकडाउन किया गया है। अल्मोड़ा के रानीखेत में भी तीन मोहल्ले सील किए गए हैं। ऊधमसिंह नगर में गुज्जर खत्ता गांव लॉक डाउन है। इन सभी मोहल्लों में कोरोना पॉजिटिव मामले मिले हैं।
अब तक सील किए गए इलाके
देहरादून : भगत सिंह कॉलोनी, कारगी ग्रांट, डोईवाला केशव बस्ती, झबरावाला, लक्खीबाग
हरिद्वार : रुड़की में पनियाला कलियर, मंगलौर का मलकपुर मोहल्ला
नैनीताल : हल्द्वानी में लाइन नंबर 16 व 17, नई बस्ती, मलिक का बगीचा
अल्मोड़ा : रानीखेत में कुरेशियन मोहल्ला
ऊधमसिंह नगर : गुज्जर खत्ता
हॉटस्पॉट चिन्हित हो जाने के बाद प्रशासन इन मोहल्लों की रैपिड स्क्रीनिंग करने की तैयारी में है। इसके लिए टीमें गठित की जा रही हैं। हर टीम में एक टीचर, एक पुलिस कर्मी, एक नर्स और एक आशा या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को शामिल किया जा रहा है। ये टीम नियमित तौर पर इन मोहल्लों में घर-घर जाएगी और फैमिली रिपोर्ट तैयार करेगी। सर्विलांस टीमें सबसे पहले उन लोगों का पता लगाएंगी जो कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए। उनके परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों के बारे में जानकारी ली जाएगी। यदि किसी व्यक्ति में खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण होंगे तो तत्काल जांच और परीक्षण के बाद उन्हें 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया जाएगा।
आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी के मुताबिक, प्रशासन का सबसे ज्यादा जोर ऐसे लोगों की पहचान करने पर है, जो कोरोना पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए हैं। ऐसे संवेदनशील इलाकों को सील करके रैपिड स्क्रीनिंग की जा रही है। प्रदेश में लॉकडाउन का पालन कराने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
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