केंद्रीय गृहमंत्रालयों द्वारा राज्यों को एक बार फिर कहा गया है कि जिन जरूरी चीजों को लॉकडाउन में ढील दी गई है, उनकी आवाजाही सुनिश्चित की जाए। यह देखने में आ रहा है कि कई जगह सख्ती के चलते जरूरी वस्तुओं एवं सामान की डिलीवरी प्रभावित हो रही है। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वालों को लेकर भी स्पष्टता जारी की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के अगले दौर पर क्या बोलेंगे, भले ही इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हों लेकिन इतना तय है कि देश में चल रही पाबंदियों के दूसरे चरण में कई तरह की रियायतें मिलने वाली हैं।
लॉकडाउन 2.0 का ऐलान अब कभी भी हो सकता है, क्योंकि लगभग सभी राज्य इसे दो हफ्ते तक बढ़ाने पर सहमत हैं। भारत में कोरोना संक्रमण में मामले कुछ दिनों में तेजी से बढ़े हैं, ऐसे में केंद्र सरकार को यह फैसला लेना है कि लॉकडाउन में कितनी सख्ती की जाए। छह राज्य पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और कर्नाटक पहले ही लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। कर्नाटक ऐसा एकमात्र बीजेपी शासित राज्य है जिसने पीएम मोदी की घोषणा से पहले ही अपने राज्य में पूरे अप्रैल लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार भी लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का मन बना चुकी है। हालांकि राज्य में पिछले चार दिन में कोरोना संक्रमण पॉजिटिव केस नहीं आया है।
रियायतों का पीएम मोदी दे चुके हैं संकेत
‘जान है तो जहान है’, पीएम मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा करते समय यह बात कही थी। लेकिन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद उन्होंने कहा, ‘जान भी और जहान भी’। यानी उनका कहने का मतलब था कि जान तो जरूरी है, लेकिन जीने के लिए बाकी सारी चीजें भी करनी जरूरी हैं। तभी से ये अटकलें हैं कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई ऐसे काम शुरू होंगे, जिनसे आर्थिक विकास को रफ्तार मिल सके। लगभग सभी राज्यों ने अपने यहां कोरोना हॉटस्पॉट चिन्हित कर लिए हैं। इसलिए लॉकडाउन के अगले चरण में इन इलाकों में सख्त पाबंदियां जारी रहेंगी लेकिन कम जोखिम वाले इलाकों या जहां संक्रमण नहीं है, वहां पर आर्थिक विकास को रफ्तार देने वाले काम शुरू हो सकते हैं।
सख्ती से प्रभावित हो रही डिलीवरी, पास को लेकर भी दिक्कतें
केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा राज्यों को एक बार फिर कहा गया है कि जिन जरूरी चीजों को लॉकडाउन में ढील दी गई है, उनकी आवाजाही सुनिश्चित की जाए। यह देखने में आ रहा है कि कई जगह सख्ती के चलते जरूरी वस्तुओं एवं सामान की डिलीवरी प्रभावित हो रही है। गृह मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अंतर एवं अंतरराज्यीय माल, ट्रकों, श्रमिकों और गोदाम/कोल्ड स्टोरेज के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए लॉकडाउन दिशानिर्देशों को इस पत्र एवं उसकी भावना के अनुसार लागू करें। मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि देश के कुछ हिस्सों में पूर्व में दिए गए दिशानिर्देशों और स्पष्टीकरणों को अक्षरशः एवं मूल भावना में लागू नहीं किया जा रहा है। खास तौर पर, जरूरी और गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों को रोका जा रहा है। आवश्यक वस्तुओं की विनिर्माण इकाइयों के संचालन के लिए जरूरी श्रमिकों और अन्य छूट प्राप्त श्रेणियों को उनकी आवाजाही के लिए अनुमति/पास नहीं मिल रहे हैं। उपरोक्त दो श्रेणियों में आने वाले सामान और लोगों की अंतरराज्यीय आवाजाही को बाधित किया जा रहा है क्योंकि एक राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अधिकारियों द्वारा जारी किए गए पास/अनुमति को दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा माना नहीं जा रहा है; तथा कोल्ड स्टोरेज और गोदामों के संचालन की अनुमति नहीं दी जा रही है। गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से मंजूर की गई गतिविधियों पर इस तरह के प्रतिबंधों से आवश्यक वस्तुओं की कमी होने की संभावना बनती है। कार्यान्वयन के स्तर पर स्पष्टता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने दोहराया है कि इनदिशानिर्देशों को विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों द्वारा सख्ती से देखा जाना चाहिए।
क्या हैं केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देश
• अगर चालक के पास वैध लाइसेंस है तो एक ड्राइवर और एक अतिरिक्त व्यक्ति के साथ सभी ट्रकों एवं अन्य मालवाहक वाहनों को राज्य के अंदर और एक-दूसरे राज्य में आवाजाही की अनुमति है। यह माल की प्रकृति चाहे वह जरूरी है अथवा नहीं के बावजूद होगा। इसके अलावा किसी और परमिट या अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।
• खाली ट्रकों/माल वाहकों को सामान लाने या डिलीवरी पूरी करने के बाद लौटने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसलिए, खाली ट्रकों को रोकने का कोई कारण नहीं है, बशर्ते उनके पास वैध दस्तावेज जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और रोड परमिट आदि हो।
• स्थानीय अधिकारियों को ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों की उनके निवास से ट्रकों के स्थान तक आवाजाही की तत्पर सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
• स्थानीय अधिकारियों को सभी अनुमत औद्योगिक/वाणिज्यिक गतिविधियों से जुड़े श्रमिकों को कार्यस्थल पर आनेजाने के लिए आसान एवं त्वरित आवाजाही की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
• रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह और सीमा शुल्क अधिकारियों को अपने कर्मचारियों और संविदा श्रमिकों को पास जारी करने के लिए पहले से ही अधिकृत किया गया है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
• अनुमत श्रेणियों के निर्माण में लगे श्रमिकों को पास जारी करने के संबंध में, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को कंपनियों/संगठनों द्वारा दिए गए मुख्तारनामे के आधार पर शीघ्रता से पास जारी करने की सलाह दी जाती है। राज्य/केंद्र शासित राज्यों की सरकारें यह सुनिश्चित करेंगी कि ये पास उनके राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र के भीतर और दूसरे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सीमावर्ती क्षेत्रों में आवागमन के लिए मान्य हों।
• गेहूं के आटे, दालों और खाद्य तेलों जैसी आवश्यक वस्तुओं के निर्माण में लगी एमएसएमई को बिना किसी बाधा के स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
• गोदामों/कोल्ड स्टोरेज को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए। माल की प्रकृति भले ही जरूरी हो अथवा नहीं, उनके ट्रकों की निर्बाध आवाजाही की अनुमित दी जानी चाहिए। कंपनियों के गोदामों को भी संचालन की अनुमति दी जानी चाहिए।
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