बुजुर्गों में कोरोना के सामान्य लक्षण न दिखने के अमेरिकी डॉक्टरों के दावों ने पूरी दुनिया को टेंशन में ला दिया है। उनका दावा है कि जरूरी नहीं है कि बुजुर्ग में कोरोना की चपेट में आने के बाद खांसी, बुखार या दूसरे लक्षण दिखाई दें। ऐसे में उनके आसपास के लोग समझ नहीं पाते कि व्यक्ति में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं। आइए विस्तार से समझते हैं:
कोरोना वायरस की चपेट में कोई शख्स आ गया है, कैसे पहचानेंगे आप? विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस के अनुसार अगर किसी को बुखार, खांसी या सांस लेने में परेशानी हो तो उसे डॉक्टर के पास जाना चाहिए। यह तब और भी जरूरी हो जाता है जब शख्स किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आया हो या ऐसे इलाके में रह रहा हो जहां आसपास के लोग वायरस की चपेट में आ गए हों। इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है, बस समय पर अस्पताल जाना है।
इस बीच अमेरिका के कुछ डॉक्टरों के दावों ने दुनियाभर के लोगों को टेंशन दे दी है। कुछ अमेरिकी डॉक्टरों का दावा है कि संभव है कि कोरोना वायरस की चपेट में आए बुजुर्गों में कोरोना के लक्षण कुछ अलग हों। उन्होंने कुछ केस के आधार पर कहा है कि कुछ बुजुर्ग मरीजों में खांसी, बुखार या सांस लेने की परेशानी वाले लक्षण नहीं दिखे बल्कि उनमें दिखे लक्षण हैरान करने वाले थे। कुछ बुजुर्ग मरीज भ्रम में रहने लगे, वह आसपास को लेकर चीजें भूलने लगे। हो सकता है कि कुछ उम्रदराज लोग बोल भी न पाएं और बेहोश हो जाएं। डॉक्टरों का कहना है कि इसकी वजह व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ बीमारी और संक्रमण को लेकर शरीर की प्रतिक्रिया है। ऐसे में उनकी सलाह है कि लक्षण को लेकर बेहद सतर्क रहने की जरूरत है और कुछ भी अलग समझ में आए तो डॉक्टर की राय लें।
पढ़ें- पहाड़ों के लिए ‘वरदान’ बना लॉकडाउन!
भारतीय मीडिया रिपोर्टों में सामने आई इन खबरों को लेकर ‘हिल मेल’ ने उत्तराखंड की चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती से बात की। उन्होंने साफ कहा कि कहा कि किसी तरह की घबराने की कोई बात नहीं है। अभी उत्तराखंड या देश में इसका साइंटिफ प्रूफ नहीं मिला है। अभी इस तरह का कोई केस सामने नहीं आया है। हां, उन्होंने यह जरूर बताया कि एक्यूट रेसपिरेटरी इन्फेक्शन वाले जितने भी मरीज हैं, उनकी भी बराबर निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हैं।
पढ़ें- कोरोना से निपटने में उत्तराखंड देश में तीसरे नंबर पर
आपको बता दें कि कोरोना का इलाज अभी तक खोजा नहीं जा सका है। ऐसे में बहुत से सवालों के जवाब मिलने बाकी है। चंडीगढ़ में पिछले दिनों एक असामान्य मामला सामने आया था जब कोरोना के लक्षण 15वें दिन दिखाई दिए थे और बाद में टेस्ट पॉजिटिव आया था। ऐसे में डॉक्टरों का यह जरूर कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बुजुर्गों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। सामाजिक दूरी का पालन किया जाए तो कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *