घर पहुंचते ही सभी लोगों की जांच होगी। सभी को 14 दिनों का होम क्वारंटाइन में रहना होगा। सभी को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप हमेशा ऑन रखना होगा ताकि उन्हें ट्रेस किया जा सके।
COVID-19 महामारी के कारण चल रहे लॉकडाउन के आगे बढ़ने की आशंका के बीच देश भर में फंसे उत्तराखंडियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब देश के किसी भी कोने में फंसे उत्तराखंडी अपने घर आ सकेंगे। केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने प्रवासियों को होम स्टेट ले जाने की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें लगाई गई हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय से मंजूरी के बाद राज्य सरकार भी हरकत में आ गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस काम के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। लॉकडाउन की शुरुआत में इस तरह की जिम्मेदारी निभा चुके परिवहन सचिव शैलेश बगोली और एसडीआरएफ के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल को यह जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा राज्यों के बीच परिवहन के लिए होने वाले को-ऑर्डिनेशन के लिए भी अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड के लोगों को लेने के लिए जाने वाले वाहनों और कर्मचारियों को अनुमित देने की जिम्मेदारी गढ़वाल मंडल में एसपी ट्रैफिक, देहरादून और महाप्रबंधक (प्रशासन) उत्तराखंड परिवहन, देहरादून को जबकि कुमाऊं मंडल की जिम्मेदारी एसपी ट्रैफिक, हल्द्वानी और सिटी मजिस्ट्रेट, हल्द्वानी को दी गई है।
खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फेसबुक पोस्ट के जरिये कहा, मुख्य सचिव को बाहरी प्रदेशों में फंसे उत्तराखंडवासियों की जल्द वापसी की तैयारी के निर्देश दिए हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं, बाहर फंसा जो भी उत्तराखंडी अपने राज्य लौटना चाहता है, उसकी वापसी के लिए सभी मानकों के अनुसार उचित प्रबंध किए जाएंगे।
दरअसल, लॉकडाउन प्रतिबंध के परिणामस्वरूप, देश में विभिन्न स्थानों पर प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति फंसे हुए हैं। अब केंद्र ने सड़क से इन फंसे हुए लोगों के स्थानांतरण की अनुमति दी है। संबंधित राज्यों द्वारा एक दूसरे से परामर्श करने और पारस्परिक रूप से सहमत होने के बाद उन्हें एक से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के बीच स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी।
इस बात पर जोर दिया गया है कि उनके गंतव्य पर पहुंचने पर ऐसे व्यक्तियों की जांच स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा की जाए और उन्हें होम क्वारंटाइन में रखा जाए। ऐसा तब किया जाए अगर किसी व्यक्ति को संस्थागत क्वारंटाइन में रखने की आवश्यकता न हो। इसके अलावा, उनकी समय-समय पर स्वास्थ्य जांच भी कराई जाए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से अनुरोध किया गया है कि वे ऐसे व्यक्तियों को आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें जिनके माध्यम से उनकी स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी रखी जा सके और जरूरत पडने पर उनका पता लगाया जा सके।
केंद्रीय गृहमंत्रालय की शर्तें —
सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों की सरकारें मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को घर भेजे जाने के लिए नोडल अथॉरिटी गठित करेंगी।
नोडल अथॉरिटी अन्य राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर फंसे हुए लोगों को भेजने और उन्हें वापस बुलाने का काम करेगी। अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वह फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन कराएं।
अगर कहीं पर कोई ग्रुप फंसा हुआ है और वह अपने मूल निवास स्थान जाना चाहता है तो राज्य सरकारें आपसी सहमति के साथ उन्हें छूट दे सकतीं हैं। फंसे हुए लोगों की पूरी तरह से मेडिकल जांच होगी। जिनमें कोई कोरोना का लक्षण नहीं होगा, उन्हें ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।
जिस बस में लोगों को ले जाने की व्यवस्था होगी उसे पूरी तरह से सेनिटाइज किया जाएगा और बस के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जाएगा।
राज्य सरकारें फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए रूट खुद तय करेंगी।
घर पहुंचते ही इन लोगों की जांच होगी। सभी को 14 दिनों का होम क्वारंटाइन में रहना होगा। सभी को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप हमेशा ऑन रखना होगा ताकि उन्हें ट्रेस किया जा सके।
ई-पास के लिए जरूरी होगा फार्म !
ऐसे सभी लोग जो देश के दूसरे हिस्सों में फंसे हुए हैं, वे अपना विस्तृत्व ब्यौरा भरेंगे। इसमें उनके मोबाइल या ईमेल पर वैरिफिकेशन के लिए एक ओटीपी आएगा। ऐसे भरें फॉर्म
A. यहां भरना होगा –
1. रजिस्ट्रेशन किसका कराना है। कोरोना का लक्षण है या नहीं, 2. आप किस कैटेगिरी में आते हैं, मसलन – छात्र, टूरिस्ट, कामगार, प्रोफेशनल या अन्य। 3. नाम। 4. उम्र। 5. लिंग – यानी स्त्री या पुरुष और मोबाइल 6. आधार नंबर। 7. पहचान का कोई अन्य दस्तावेज।
B. यहां भरनी होगी – मौजूदा जगह
1. राज्य। 2. जिला। 3. शहर। 4. परिवारजनों की संख्या। 5. यात्रा का तरीका – यानी अपनी गाड़ी से, ट्रेन, हवाईमार्ग, बस या अन्य तरीके से।
C. उत्तराखंड में परिजनों का ब्यौरा
1. जिला। 2. तहसील। 3. गांव। 4. घर का पता।
D. कांटैक्ट पर्सन का नाम और मोबाइल।
इसके बाद यह फॉर्म सभी सूचना सही देने के घोषणापत्र, 14 दिन के क्वारंटाइन और जानकारी गलत पाए जाने पर कार्रवाई करने पर सहमति के साथ सबमिट करना होगा।
नीचे दिए लिंक पर क्लिक कर सीधे फॉर्म पर जाएं…
http://dsclservices.org.in/uttarakhand-migrant-registration.php
7 comments
7 Comments
3 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ने वाला है! गृह मंत्रालय का इशारा समझिए - Hill-Mail | हिल-मेल
April 30, 2020, 7:13 am[…] देश भर में फंसे उत्तराखंडी लौट सकेंगे … […]
REPLYRakesh
April 30, 2020, 11:31 amHume ghr jana h
REPLYRaj pal singh @Rakesh
May 1, 2020, 1:19 pmUtcl baga cement plant. Himachal pardesh gila solan hasil arki po kandar
REPLYDharmendra Singh
April 30, 2020, 4:30 pmYE side nahi chal rahi, na hi OTP aa rahi hai , na link khul raha hai
REPLYHimanshu
April 30, 2020, 7:48 pmFaridabad
REPLYHimanshu
April 30, 2020, 7:50 pmGhr jana h plz help me
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