उत्तराखंड में रोजगार बढ़ाने के लिए युवाओं का डाटा तैयार करने के लिए Hope Uttarakhand Portal शुरू किया गया है। इसमें युवाओं को अपनी व्यक्तिगत जानकारी, वर्तमान/अंतिम नौकरी का विवरण देने के साथ ही यह बताना होगा कि सरकार से आपकी मुख्य अपेक्षा क्या है।
कोरोना के खिलाफ जंग के बीच केंद्र और राज्यों की सरकारें रोजगार बढ़ाने को लेकर भी काम कर रही हैं। उत्तराखंड ने इस दिशा में एक अहम पहल की है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंत्रिमंडल की उपस्थिति में बुधवार को सचिवालय में ‘Hope’ (Helping Out People Everywhere) पोर्टल लॉन्च किया। इसका मुख्य उद्देश्य कुशल और अकुशल युवाओं का डाटा बेस बनाना तथा डाटा बेस के आधार पर रोजगार/स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इस वेबसाइट का लिंक https://hope.uk.gov.in/ है।
ई-रैबार में ओएनजीसी के पूर्व निदेशक एचआर ने दिया था डाटा बेस बनाने का सुझाव
29 अप्रैल को प्रसारित ई-रैबार के लाइव शो में चर्चा के दौरान ओएनजीसी के पूर्व निदेशक (एचआर) देश दीपक मिश्रा ने कहा था कि पिछले 10 साल में उत्तराखंड से करीब 4 लाख लोगों ने बाहर पलायन किया है। इनमें से ज्यादातर लोग नोएडा, दिल्ली, गुरुग्राम जैसे शहरों में गए हैं।
उन्होंने कहा कि अभी प्रदेश सरकार के पास इनका कोई डाटा नहीं है कि वे कहां हैं और इस समय क्या कर रहे हैं। अगर इस जानकारी को हासिल कर सकें तो ये महत्वपूर्ण होगा क्योंकि ये लोग 500 से ज्यादा गांवों से गए हैं। अगर हम इनके बारे में जानकारी हासिल कर सकें कि इनकी पढ़ाई क्या है, इनका सैलरी ब्रैकेट क्या है, किस फील्ड में काम कर रहे हैं और फिर उसके आधार पर सरकार स्कीम बनाए और उन्हें जोड़ने की कोशिश करे।
डीडी मिश्रा ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी चिंता यह होनी चाहिए कि 4 लाख पलायन किए लोगों में से 70 प्रतिशत लोगों के प्रोफाइल को हम तैयार करें और फिर स्कीम बनाकर निश्चित रूप से उन्हें वापस ला सकते हैं। समझने वाली बात यह है कि इसमें 50 फीसदी लोग रोजगार, 15 फीसदी लोग शिक्षा और बाकी लोग मेडिकल सुविधाओं के लिए बाहर गए हैं। इसमें रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आता है।
उन्होंने कहा कि आप कृषि सेक्टर के लिए ही उन लोगों को वापस ला सकते हैं वरना गांव तो खाली हो जाएंगे। अगर 2 से ढाई लाख पलायन किए लोगों को वापस गांवों में लाया जाए तो ये बड़ी बात हो सकती है और इससे ग्रामीण सेक्टर में संभावनाएं और विकास तेजी से बढ़ेगा।
आपको बता दें कि हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की थी। इस योजना के साथ समन्वय करने में यह पोर्टल (hope uttarakhand portal) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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‘होप’ पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के ऐसे युवा जो विभिन्न राज्यों एवं उत्तराखंड में कुशल पेशेवर हैं तथा वर्तमान में किसी न किसी संस्थान में कार्य कर रहे हैं या जो उत्तराखंड में कौशल विकास विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, यह पोर्टल उनके लिए एक सेतु के रूप में कार्य करेगा।
HOPE portal address is as belowhttps://t.co/ZDIpetUVNm
कृपया ऊपर दिये लिंक पर क्लिक करें और अपने को register करें।
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) May 13, 2020
इस पोर्टल के डाटा बेस का उपयोग राज्य के समस्त विभाग तथा अन्य रोजगार प्रदाता युवाओं को स्वरोजगार/रोजगार से जोड़ने के लिए करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रेरणा से इस पोर्टल का निर्माण आईटी विभाग, कौशल विकास विभाग, नियोजन विभाग एवं एनआईसी ने आपसी समन्वय से किया। इस पोर्टल की वेब होस्टिंग उत्तराखंड सरकार के आईटीडीए, आईटी पार्क स्थित डाटा सेंटर में की गई है।
यहां देखें पूरा एपिसोड, जिसमें आए कई सुझाव
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1 Comment
Manmohan Singh
May 14, 2020, 1:39 pmI am panchkarma technician
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