पहाड़ में खेती की तस्वीर बदलने को त्रिवेंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ग्राम पंचायतों को भी मिलेगा ज्यादा पैसा

पहाड़ में खेती की तस्वीर बदलने को त्रिवेंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ग्राम पंचायतों को भी मिलेगा ज्यादा पैसा

कोरोना संकट के बाद बड़े पैमाने पर लौट रहे उत्तराखंडियों को लेकर मुख्यमंत्री बार-बार कहते रहे हैं कि लॉकडाउन के बाद उनका सबसे ज्यादा फोकस पहाड़ में कृषि को बढ़ावा देने पर होगा।

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने पहाड़ों में खेती की तस्वीर बदलने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने उत्तराखंड जोत चकबंदी नियमावली को मंजूरी दे दी है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में छितरी जोतों की चकबंदी के लिए नियमावली लागू हो सकेगी। इसका नाम अब उत्तराखंड जोत चकबंदी एवं भूमि व्यवस्था नियमावली 2020 कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट ने 14 अहम फैसलों पर मुहर लगाई है। 15वें राज्य वित्त आयोग की अनुदान धनराशि का निकायों में वितरण की दरों में परिवर्तन किया गया है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में 35:30:35 को बदल कर क्रमशः 75:10:15 किया जाएगा। यानी अब ग्राम पंचायतों को 75 फीसदी राशि मिलेगी।

कोरोना संकट के बाद बड़े पैमाने पर लौट रहे उत्तराखंडियों को लेकर मुख्यमंत्री बार-बार कहते रहे हैं कि लॉकडाउन के बाद उनका सबसे ज्यादा फोकस पहाड़ में कृषि को बढ़ावा देने पर होगा।

चकबंदी नियमावली पहाड़ों के टर्निंग प्वाइंट

अब आपसी सहमति के आधार पर पहाड़ों में खातेदारों की बिखरी जोतों को एक साथ किया जा सकेगा। भूमि अभिलेख अपडेट करने के साथ ही गोल खातों में हिस्सेदारी के अंश जोड़े जाएंगे। मैदानी क्षेत्रों की तरह अब पर्वतीय इलाकों में भी जमीन का आपसी सहमति से विनिमय हो सकेगा। पहाड़ी इलाकों में चकबंदी की मांग लंबे समय से उठती रही है, मगर भू-अभिलेख अपडेट न होने और आपसी सहमति न बन पाने के चलते यह मुहिम कभी आगे नहीं बढ़ पाई।

अब बिखरी जोत का एकीकरण और आपसी सहमति से भूमि का बंटवारा होने से कृषि में मेहनत और समय की बचत होगी। अभी तक पर्वतीय क्षेत्र में गोल खाते ही अस्तित्व में हैं, जिसमें पीढ़ियों से नाम चले आ रहे हैं। अब गोल खातों में हिस्सेदारी तय की जाएगी। इससे भूमि संबंधी विवाद नहीं होंगे। चकबंदी होने पर एक व्यक्ति को उसके हिस्से की जितनी जमीन है, वह एक जगह पर दी जाएगी। यदि खेतों और घर के बीच दूरी अधिक है तो ऐसे मामलों में विनिमय भी किया जा सकता है।

वैसे उत्तराखंड में चकबंदी अधिनियम है, लेकिन यह हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर  तथा देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल व चंपावत के मैदानी क्षेत्रों तक ही सीमित है। सरकार ने पर्वतीय क्षेत्र के लिए स्वैच्छिक चकबंदी का ऐलान कर कुछ गांवों में चकबंदी भी की थी लेकिन मगर नियमावली के अभाव में इसमें कभी तेजी नहीं आ सकी।

सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के 14 फैसलों की जानकारी दी…

 

1. कोविड-19 से संबंधित बॉर्डर पर क्वारंटीन किए जाने संबंधी उच्च न्यायालय के निर्देशों के क्रम में होने वाले व्यवस्थागत, संस्थागत समस्या की जानकारी कोर्ट को दी जाएगी।
2. 15वें राज्य वित्त आयोग के अनुदान धनराशि का निकायों में वितरण दरों में परिवर्तन किया गया है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में 35:30:35 को बदल कर क्रमशः 75:10:15 किया जाएगा।
ऽ कुल 852 करोड़ रुपये की धनराशि में से 575 करोड़ रुपये पंचायती राज एवं 278 करोड़ शहरी निकाय को दिया जाएगा।
3. उत्तराखंड जोत चकबंदी नियमावली 2020 को मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत नाम, परिभाषा, नोटिस भेजना, अधिसूचना जारी करना, इत्यादि को स्पष्ट किया गया है।
4. पेयजल संस्थान के प्रबंध निदेशक पद की चयन प्रक्रिया में वार्षिक प्रविष्टि के लिए समयसीमा 08 वर्ष की जगह 05 वर्ष की गई।
5. शराब दुकानों के बंद हने की अवधि में फुटकर अनुज्ञापी के पिछले वित्त वर्ष मार्च माह में 10 दिन के नुकसान 34 करोड़ एवं 01 अप्रैल से 03 मई के बीच 195 करोड़ रुपये का भार सरकार वहन करेगी।
6. मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना लागू की गई। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार के बीच फंड के गैप की भरपाई राज्य सरकार करेगी। बीज क्रय हेतु अन्य निगमों के अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर, टिहरी भरसार विश्वविद्यालय एवं आईसीएआर के लिए अनुमति दी गई।
7. राज्य वन्यजीव अवैध शिकार अपराध रोकथाम के लिए 14 पदों का सृजन किया गया। यह पद विभागीय पद होगा।
8. स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों के लिए बिना अवकाश 05 वर्ष की अनुपस्थिति पर सेवा समाप्त की जाएगी।
9. सूचना एवं लोक संपर्क विभाग में लोक सेवा आयोग के माध्यम से सूचना अधिकारी के पद पर हिंदी विषय की अनिवार्यता समाप्त की गई।
10. सार्वजनिक वाहन व्यवसायियों के परमिट नवीनीकरण की फीस के छूट के अन्तर्गत 14 करोड़ 23 लाख की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी। एवं रोड टैक्स में 03 माह की छूट के पश्चात 63 करोड़ 28 लाख रुपये की भरपाई राज्य सरकार करेगी।
11. सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय शिक्षा अभियान के एकीकरण के बाद समग्र शिक्षा अभियान चलेगा। जहां पहले कुल 2677 पद थे। अब पदों की संख्या 1959 हो जाएगी।
12. पर्यटन विभाग के अन्तर्गत होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा को संरक्षण देने के लिए पानी पर लिए जाने वाले बिल जल मूल्य कर वृद्धि को 15 प्रतिशत को 09 प्रतिशत लिया जाएगा। इससे 01 करोड़ 87 लाख का व्यय भार राज्य सरकार पर होगा।
13. श्रम सुधार के अंतर्गत उद्योगों द्वारा श्रमिकों को दिया जाने वाला मार्च माह का बोनस जो नवम्बर 2020 में देना था, अब इसे 31 मार्च 2021 तक दिया जा सकता है। जो उद्योग फायदे में होंगे उन्हें 8.33 प्रतिशत बोनस देना होगा। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के लिए कैबिनेट मंत्री हरक सिंह एवं मदन कौशिक की समिति बनायी गई।
14. पर्यटन औद्योगिक ईकाइयों में कार्यरत ऑटो रिक्शा चालक इत्यादि को एकमुश्त एक हजार रुपये खाते में दी जाएगी। इससे 25 करोड़ का अधिभार राज्य सरकार पर पड़ेगा। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, दीनदयाल होम-स्टे योजना में अप्रैल से जून तक ऋण ब्याज पर छूट दी गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति की अवधि को एक वर्ष का विस्तार दिया गया जिस पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आबकारी होटल, रेस्टोरेंट बार शुल्क में 03 माह की छूट दी गई। नवीनीकरण, पंजीकरण शुल्क में 01 वर्ष की छूट दी गई।

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