भारतीय नौसेना के पूर्व चीफ देवेंद्र कुमार जोशी ने वीरता अलंकरण राशि को युद्ध स्मारक के लिए देने का फैसला किया है। हाल ही में जोशी उत्तराखंड युद्ध स्मारक के संरक्षक बनने के लिए राजी हुए थे। स्मारक के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा है कि पूर्व नेवी चीफ ने असाधारण उदाहरण प्रस्तुत किया है।
पहाड़ के सपूत पूर्व नेवी चीफ और वर्तमान में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डीके जोशी (रिटायर्ड) के एक फैसले पर पूरा उत्तराखंड गर्व कर रहा है। जी हां, एडमिरल देवेंद्र कुमार जोशी ने अपने सभी वीरता अलंकरणों के लिए उत्तराखंड सरकार से मिलने वाली धनराशि शौर्य स्थल को अर्पित करने का फैसला किया है।
उन्होंने इस बाबत राज्य सरकार को पत्र भी भेज दिया है। यह धनराशि करीब एक लाख रुपये होती है, जो हर साल और आजीवन मिलती है। एडमिरल जोशी ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखते हुए कहा कि यह धनराशि युद्ध स्मारक के खाते में डाल दी जाए।
उन्होंने लिखा, ‘मुझे जो सम्मान (परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, नौसेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल) मिले हैं उनके लिए उत्तराखंड सरकार के सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग की ओर से जो धनराशि हर साल मिलती है, वह नियमित रूप से उत्तराखंड युद्ध स्मारक को दे दी जाए।’
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उन्होंने कहा है कि इस पत्र को ही औपचारिक रूप से अग्रिम रसीद माना जाए। उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड में जन्म लेने के नाते प्रदेश के बहादुर सैनिकों के बलिदान के प्रति इस रूप में मुझे श्रद्धा-सुमन अर्पित करने का अवसर मिल रहा है। उनके इस कदम की युद्ध स्मारक के अध्यक्ष तरुण विजय ने प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और समाज में सैनिकों के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।
आपको बता दें कि एडमिरल जोशी उत्तराखंड वॉर मेमोरियल के पैट्रन भी हैं। वह मूल रूप से अल्मोड़ा के रहने वाले हैं। पूरा राज्य और देश उनकी सादगी का कायल है। यह इस बात से ही समझा जा सकता है कि उपराज्यपाल बनाए जाने के बाद वह खुद ही अपनी कार ड्राइव कर रानीखेत से दिल्ली पहुंचे थे।
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