सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने कहा है कि कुंभ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिए जाएं। अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्य सचिव हर सप्ताह कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साल 2021 में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा की है। उन्होंने मेले में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि हरिद्वार व ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कुंभ का आयोजन दिव्य और भव्य होगा।
सीएम रावत ने अधिकारियों के कहा है कि मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण समय पर पूरा कर लिया जाए। कुंभ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के मद्देनजर सुरक्षित आयोजन किया जाना है। इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग लिया जाएगा। सीएम ने कहा है कि कुंभ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिए जाएं। अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्य सचिव हर सप्ताह कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मशालाओं, आश्रमों और होटलों को कोविड के मद्देनजर क्या करें और क्या न करें वाली मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने के साथ ही वहां काम करने वालों को यथासंभव प्रशिक्षित किया जाए। सभी काम समय पर पूरे हो, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है। व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराए जाएं।
बैठक में मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इस पर लगभग 35 करोड़ रुपये का व्यय अनुमानित है। हरिद्वार में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। लगभग 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जा रही है। एंबुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है। बाइक एम्बुलेंस और बोट एंबुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे कुंभ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी। अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे।
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