डा. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय के लिए कई तरह की सब्सिडी एवं सहायता उपलब्ध करा रही है। युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में सबसे ज्यादा जोर पशुपालन, गौशाला और डेयरी पर दिया जा रहा है।
उत्तराखंड में पशुपालन के क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं को अवसर में बदलने और रिवर्स पलायन के लिए एक आदर्श स्वरोजगार मॉडल विकसित करने के उद्देश्य से पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के तल्ला बनास में एक आधुनिक वनवास गौशाला और हनुमान मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। यह कार्य राज्य के सहकारिता, उच्च शिक्षा एवं दुग्ध विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत और नेशनल डेयरी रिसर्च आर्गेनाइजेशन (एनडीआरआई) के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान के कर कमलों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत के प्रचारक डा. हरीश रौतेला भी विशेष रूप से पहुंचे। हिल-मेल फाउंडेशन द्वारा बनाई जा रही इस आधुनिक गौशाला में 20 गायों को वैज्ञानिक तरीके से पालने की व्यवस्था होगी और दूध से बने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
इस अवसर पर डा. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय के लिए कई तरह की सब्सिडी एवं सहायता उपलब्ध करा रही है। युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में सबसे ज्यादा जोर पशुपालन और डेयरी पर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस बार पूरे उत्तराखंड में 7000 डेयरी दे रही है। बेरोजगार नौजवानों को तीन और पांच गाय से डेयरी शुरू करने का विकल्प दिया गया है। इस डेयरी का खर्च करीब 2.50 लाख रुपये है, इसमें से राज्य सरकार 1.25 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। इन डेयरियों के लिए गाय दूसरे राज्यों से लाई जाएगी। इन डेयरियों से दूध की खरीदारी आंचल द्वारा की जाएगी। दूध की कीमत के अलावा राज्य सरकार 4 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि भी देगी। राज्य सरकार ने 7000 लोगों को 20,000 गाय देने की व्यवस्था की है। अभी तक 1300 लोगों ने इस योजना के तहत डेयरी खोल दी है। डेयरी के लिए गाय भी देहरादून में उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा राज्य सरकार डेयरी लगाने वालों को पशु आहार 7 रुपये प्रति किलो की बजाए 3.50 रुपये किलो पर देगी। इस किराया भी राज्य सरकार ही वहन करेगी। डेयरी के लिए सरकार ने कोऑपरेटिव बैंकों से तीन साल तक के लिए तीन लाख रुपये तक का कर्ज बिना किसी ब्याज के उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की है।
डा. धन सिंह ने कहा कि गांव में 20 लीटर तक के दूध को सुरक्षित रखने के लिए डीप फ्रीज केन निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकार दो लाख रुपये में 1000 लोगों को मिल्क बूथ उपलब्ध करा रही है। इसमें एक लीटर दूध पर चार रुपये का लाभ देंगे। इसके अलावा घी पर 50 रुपये, आंचल के मक्खन पर 50 रुपये, दही पर 34 रुपये मिलेंगे। वह दिन भर में एक हजार रुपये की आमदनी कर सकता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत कोई व्यक्ति अगर पॉली हाउस लगाना चाहता है तो इसकी लागत 1.12 लाख रुपये है। इसमें से सरकार एक लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है। बकरी पालन के लिए राज्य सरकार दस बकरी और एक बकरा निशुल्क उपलब्ध करा रही है।
इससे पहले डा. मनमोहन सिंह चौहान ने स्थानीय लोगों को पशुपालन में ध्यान रखने वाली बातों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तल्ला बनास में बनने वाली गौशाला और यहां तैयार किए जाने वाले उत्पादों में एनडीआरआई के वैज्ञानिक पूरी मदद करेंगे ताकि इस क्षेत्र में एक मॉडल गौशाला तैयार किए जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में श्वेतक्रांति की असीम संभावनाएं हैं। हम आधुनिक तरीके इस्तेमाल करके पशुपालन एवं डेयरी को आय का एक बेहतरीन जरिया बना सकते हैं।
इस अवसर पर कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सुभाष रमोला, स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद कुकरेती, सांसद प्रतिनिधि एवं जिला उपाध्यक्ष विक्रम रौथाण, आलम सिंह नेगी, राजेंद्र पाल सिंह नेगी, जयपाल सिंह नेगी, वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी, तल्ला बनास की प्रधान संगीता नेगी, पूर्व प्रधान विनोद नेगी समेत कई गांवों के प्रधान एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।
स्थानीय ग्राम प्रधानों की ओर से डा. धन सिंह रावत को क्षेत्र की समस्याओं को लेकर ज्ञापन भी सौंपे गए।
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Ashok Negi
October 30, 2020, 8:27 amVery good
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