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तीरथ सिंह रावत ने कहा कि यमकेश्वर क्षेत्र में अत्याधुनिक गोमुख डेयरी एक अभिनव प्रयास है। यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए वैज्ञानिक तकनीकों से रूबरू होने का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगी। इस तरह के मॉडल ही उत्तराखंड से होने वाले पलायन को मात देने की प्रेरणा देते हैं।
READ MORENDRI के निदेशक डा. चौहान की गिनती देश के शीर्ष पशु विज्ञानियों में होती है। इससे पहले, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा के निदेशक रहे डा. मनमोहन सिंह चौहान भारत में जानवरों की क्लोनिंग के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं। उन्हें कृषि और दुग्ध पालन के क्षेत्र में इनोवेटिव पहल के लिए जाना जाता है।
READ MOREकृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने किया किसान मेले का उद्घाटन, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान के सहयोग से तल्ला बनास के गढ़खाल में बनाई गई आधुनिक गौशाला गोमुख डेयरी के तत्वाधान में चलाया जा रहा है किसान मेला। किसानों के खेती के आधुनिक तौर-तरीकों को पशुधन की देखभाल को लेकर दी जा रही जानकारी।
READ MOREICAR की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में उत्तराखंड के पंतनगर स्थित जीबी पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय को पांचवीं, हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को छठी और गुरू अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज को सातवीं रैंकिंग मिली है।
READ MOREडा. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय के लिए कई तरह की सब्सिडी एवं सहायता उपलब्ध करा रही है। युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में सबसे ज्यादा जोर पशुपालन, गौशाला और डेयरी पर दिया जा रहा है।
READ MOREअभी तक उत्तराखंड में सकल दूध उत्पादन के मूल्य पर जो वृद्धि देखी गई है उसका अधिकतर हिस्सा उत्पादक पशुओं के अनुपात, सहकारी समितियों की सदस्यता, कृतिम गर्भधान और बेहतर सड़क सुविधाओं के योगदान से आया है। राष्ट्रीय स्तर पर पिछले कुछ वर्षो से डेरी सेक्टर 6 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।
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तीरथ सिंह रावत ने कहा कि यमकेश्वर क्षेत्र में अत्याधुनिक गोमुख डेयरी एक अभिनव प्रयास है। यह इस क्षेत्र के लोगों के लिए वैज्ञानिक तकनीकों से रूबरू होने का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगी। इस तरह के मॉडल ही उत्तराखंड से होने वाले पलायन को मात देने की प्रेरणा देते हैं।
READ MORENDRI के निदेशक डा. चौहान की गिनती देश के शीर्ष पशु विज्ञानियों में होती है। इससे पहले, केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मथुरा के निदेशक रहे डा. मनमोहन सिंह चौहान भारत में जानवरों की क्लोनिंग के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं। उन्हें कृषि और दुग्ध पालन के क्षेत्र में इनोवेटिव पहल के लिए जाना जाता है।
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