उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यहां राशन का कोई अभाव नहीं है, डॉक्टरों की टीम काम कर रही है। रैणी गांव में दो लोगों के घर आपदा में ध्वस्त हुए हैं मैंने जिलाधिकारी से कहा है कि उन लोगों के घर बनाए जा सकते हैं।
चमोली आपदा में तपोवन सुरंग के भीतर फंसे लोगों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान चल रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने देर रात हालात का जायजा लिया और सुबह प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे भी किया। मंगलवार सुबह 10 बजे तक के अपडेट के मुताबिक तपोवन सुरंग के भीतर बचाव दल अब 120 मीटर तक अंदर पहुंच गया है। यहां करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली ज़िले में ग्लेशियर टूटने से प्रभावित इलाकों का दौरा किया। pic.twitter.com/ABO2WVRJsm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 9, 2021
उधर, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उम्मीद जताई है कि रेस्क्यू ऑपरेशन काफी नजदीक पहुंचने की संभावना है। अब लगभग 50 मीटर जाने को शेष रह गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मलबा उसके आगे नहीं बढ़ा होगा और वे लोग वहां सुरक्षित होंगे। अगले कुछ घंटों में उस जगह तक पहुंचा जा सकता है।
#WATCH: Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat conducts aerial survey of areas affected due to glacier disaster in Chamoli. pic.twitter.com/Ych084CVpV
— ANI (@ANI) February 9, 2021
सीएम ने बताया कि कुल 203 लोग लापता बताए जा रहे थे। इनमें से 28 शव बरामद हुए हैं, बाकी को ढूंढा जा रहा है। आज 2 शव और बरामद हुए हैं। वहां काफी दलदल है, जो 20-25 मीटर गहरा है पर रेस्क्यू टीमें, सेना, NDRF, SDRF ऑपरेशन में जुटी हैं। पीएम मोदी लगातार इस हादसे की निगरानी कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि 24 घंटे के भीतर पीएम ने 5 बार उनसे बातचीत कर अपडेट लिया है। कनेक्टिविटी के लिए सेना और BRO के साथ बातचीत हो गई है। अगले एक हफ्ते में यहां ब्रिज बना लिया जाएगा।
#WATCH I Uttarakhand: A joint team of ITBP, Army, NDRF and SDRF enters into the Tapovan tunnel to check the water level inside the tunnel ahead of the point till where the debris has been cleared.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/D53UNKp0iI
— ANI (@ANI) February 9, 2021
आज सुबह आईटीबीपी, सेना,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक टीम ने तपोवन सुरंग के भीतर जाकर पानी के लेवल की जांच की, जहां तक मलबा साफ किया जा चुका है। सुरंग के भीतर से तस्वीरें भी आ रही हैं, जहां रोशनी की व्यवस्था कर दिन-रात फंसे लोगों को बचाने का काम चल रहा है। ग्लेशियर टूटने से आई बाढ़ से बहकर आया गाद इसमें जमा हो गया है और अंदर 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है। जेसीबी और दूसरी मशीनों की मदद से सेना इस मिशन में जुटी है।
The op tasks for the day commenced. A Mi-17 airborne from Dehradun for Joshimath with @NDRFHQ personnel on board. An ALH carrying @DRDO_India's DGRE Scientists is undertaking a recce of Tapovan area and glacier. pic.twitter.com/ZARpzHJwP0
— Indian Air Force (@IAF_MCC) February 9, 2021
भारतीय वायुसेना ने बताया है कि आज एक एमआई-17 देहरादून से जोशमठ के लिए रवाना हुआ जिससे एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया है। तपोवन और ग्लेशियर वाले इलाके में डीआरडीओ की टीम रेकी कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री @tsrawatbjp जी ने आर्मी अस्पताल जोशीमठ में भर्ती तपोवन आपदा के घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री जी प्रभावित क्षेत्र में लगातार लोगों के संपर्क में हैं, राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।#IndiaStandsWithUttarakhand #UttarakhandDisaster pic.twitter.com/2scSPFbvCA
— Ramesh Bhatt (@Rameshbhimtal) February 9, 2021
मुख्यमंत्री ने आज आर्मी अस्पताल जोशीमठ में भर्ती तपोवन आपदा के घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्र में लगातार लोगों के संपर्क में हैं, राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
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