7 फरवरी को रैणी गांव के ऊपरी इलाके में ग्लेशियर टूटने के बाद ऋषिगंगा और धौलीगंगा में उफान आ गया था। इससे ऋषिगंगा और विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को नुकसान पहुंचा। यहां काम कर रहे लोग मलबे में दफन हो गए। कुछ स्थानीय लोग बाढ़ में बह गए थे। लापता लोगों का आंकड़ा 204 बताया गया है। वहीं, तपोवन टनल में 12 व्यक्तियों को बचा लिया गया था।
चमोली में चल रहे तलाशी एवं बचाव अभियान में सेना के जवान और तमाम एजेंसियों के लोग दिन-रात जुटे हुए हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि आपदाग्रस्त चमोली जिले में आखिरी लापता व्यक्ति के मिलने तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। इस समय अभियान रैणी गांव, एनटीपीसी के तपोवन प्रोजेक्ट और धौलीगंगा, अलकनंदा नदियों के किनारे निचले इलाकों में लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
तपोवन, रैनी क्षेत्र में राहत-बचाव, खोज के सारे ऑपरेशन चलते रहेंगे। हम आखिरी लापता व्यक्ति की खोज तक अभियान जारी रखेंगे। आपसे अनुरोध है कि प्रशासन के साथ अपना सहयोग बनाए रखें।#chamoliglacierburst pic.twitter.com/lMstIt84d9
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) February 16, 2021
डीजीपी ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ दिनों में सुरंग को साफ करने का काम पूरा हो सकता है। हालांकि आज टनल के भीतर पानी भरने से बचाव कार्य में थोड़ी मुश्किल आ गई है। जवान फौरन पंप का इस्तेमाल कर सुरंग से पानी निकाल रहे हैं। इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। रैणी में अभी एक इलाका सर्च के लिए बाकी है।
डिप्टी कमांडेंट एनडीआरएफ ने बताया है कि गौरीकुंड के पास कुछ कुत्ते देखे गए हैं तो वहां एक टीम भेजी गई है। उत्तराखंड आपदा में अब तक 58 शव बरामद किए गए हैं। इसमें से 32 की शिनाख्त हो गई है। 146 लोगों की अब भी कोई खबर नहीं है।
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चमोली आपदा : 7 प्रभावित गांवों में मदद के लिए आगे आई IRDE देहरादून की टीम - Hill-Mail | हिल-मेल
February 18, 2021, 12:49 am[…] आखिरी लापता शख्स के मिलने तक चमोली में… […]
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