जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी, उत्तराखंड में 6 गुना रफ्तार से बढ़ा कोरोना

जरा सी लापरवाही पड़ सकती है भारी, उत्तराखंड में 6 गुना रफ्तार से बढ़ा कोरोना

उत्तराखंड में कोरोना के एक्टिव केस की कुल संख्या 1863 पहुंच गई है। बुधवार को 4 लोगों की मौत भी हो गई। रिकवरी प्रतिशत भले ही 94.94 प्रतिशत हो पर अब भी करीब 10 हजार लोगों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। ऐसे में तेजी से बढ़ता संक्रमण खतरनाक हालात के संकेत दे रहा है।

एक साल तक कोरोना का कहर झेलने के बाद उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश में यह उम्मीद जगी थी कि धीरे-धीरे हम यह जंग जीतने के करीब पहुंच चुके हैं। हालांकि पिछले चार हफ्तों के आंकड़ों पर नजर डालें तो खतरनाक ट्रेंड पता चलता है। अगर अब भी लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं, तो याद रखिए आपकी लापरवाही आपके साथ-साथ पूरे परिवार के लिए भारी पड़ सकती है।

आंकड़ों से समझिए कैसे मार्च के महीने में पहाड़ी प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार बढ़कर छह गुना हो गई। मार्च के महीने के पहले दिन मात्र 27 नए मामले सामने आए थे। 2 मार्च को 70 केस और 6 मार्च को 24 घंटे में 78 केस सामने आए थे।

20 मार्च को यह आंकड़ा 84 और 19 मार्च को 99 केस तक पहुंच चुका था। महीने के आखिरी दिन यह संख्या बढ़कर 300 के करीब पहुंच गई। जी हां, उत्तराखंड राज्य नियंत्रण कक्ष की ओर से जारी कोविड स्टेटस के मुताबिक 31 मार्च को बीते 24 घंटे में 293 नए मामले सामने आए। प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 100,411 पहुंच गई।

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आलम यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पहले से कोरोना पॉजिटिव हैं। वह लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर रहे हैं। अब सीएम तीरथ की पत्नी रश्मि रावत भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं।

डॉक्टरों के मुताबिक सूखी खांसी की शिकायत के बाद उनकी आरटी पीसीआर जांच कराई गई थी। राहत की बात यह है कि उनकी स्थिति सामान्य है और डॉक्टरों की निगरानी में वह होम आइसोलेशन में हैं। 22 मार्च को कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद से सीएम तीरथ भी होम आइसोलेशन में हैं। उस दिन की जांच में उनकी पत्नी और बेटी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।

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उत्तराखंड में कोरोना की शुरुआत से ही देहरादून सबसे ज्यादा प्रभावित जिला रहा है। यहां बुधवार को भी 171 लोग पॉजिटिव पाए गए। इस साल एक दिन में यह सबसे ज्यादा आंकड़ा है। यहां इस बात का भी जिक्र करना आवश्यक है कि पिछले साल 15 मार्च को देहरादून में पहला मामला सामने आया था। इसके बाद कोरोना बढ़ने लगा।

लॉकडाउन के बाद प्रवासी आए तो केस तेजी से बढ़े और अब एक बार फिर से संक्रमण की रफ्तार डरा रही है। फरवरी में 50 से भी कम केस हो गए थे जो मार्च खत्म होते 300 के करीब पहुंच गए।

कोरोना से बचने का समाधान

यह एक ऐसा सवाल है, जिसका स्पष्ट जवाब तो नहीं मिल सकता पर इतना जरूर है कि अगर हम सामाजिक दूरी का पालन करें। मास्क का प्रयोग करें और अपना नंबर आने पर कोरोना वैक्सीन लगवाएं तो काफी हद तक इस संक्रमण से बचा जा सकता है।

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