रक्षा और सुरक्षा मामलों पर गहरी पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी अब तक कई किताबें लिख चुके हैं। हाल में आई उनकी पुस्तक ‘साधु से सेवक’ की काफी डिमांड है। रीडर्स इसे ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन की आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित पुस्तक ‘साधु से सेवक’ इन दिनों चर्चा में हैं। वरिष्ठ पत्रकार मनजीत नेगी ने काफी रिसर्च कर यह किताब लिखी है। पिछले दिनों उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आर्मी चीफ एमएम नरवणे, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक राकेश अस्थाना, आईटीबीपी प्रमुख एसएस देसवाल से मुलाकात कर अपनी पुस्तक भेंट की थी।
अब मनजीत नेगी ने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को यह किताब भेंट की है। सीडीएस रावत ने काफी रिसर्च के बाद इस तरह की किताब लिखने के लिए मनजीत नेगी की प्रशंसा की। साथ ही कहा कि यह किताब युवाओं को प्रेरणा देने का काम करेगी। उन्होंने पीएम मोदी के उत्तराखंड के खास लगाव का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड का आध्यात्मिक माहौल किसी के भी जीवन को नई दिशा दे सकता है।
मनजीत नेगी ने स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी को भी यह पुस्तक भेंट की। मनजीत कहते हैं कि यह पुस्तक स्वामी जी के मार्गदर्शन के बिना पूरी नहीं हो सकती थी। मोदी जी के आध्यात्मिक जीवन के बारे में स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी से बढ़कर कोई और नहीं जानता। दोनों ही स्वामी दयानंद सरस्वती जी के शिष्य रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी परमात्मानंद ने पीएम के बारे में ढेर सारी बातें बताईं, जो इस किताब में दर्ज हो गई है। हाल ही में उन्होंने देश के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अरुण मिश्रा को अपनी किताब दी थी।
#साधुसेसेवक से आज का क़िस्सा! आज स्वामी परमात्मानंद सरस्वती जी को पुस्तक भेंट की, ये पुस्तक स्वामी जी के मर्गदर्शन के बिना पूरी नहीं हो सकती थी। मोदी जी के आध्यात्मिक जीवन के बारे में @SwamiPS108 जी से बढ़कर कोई और नहीं जानता। दोनों ही स्वामी दयानंद सरस्वती जी के शिष्य रहे हैं! pic.twitter.com/n4K54ChkuY
— Manjeet Negi (@manjeetnegilive) April 10, 2021
विशेष रूप से उत्तराखंड में विभिन्न स्थलों पर बिताए गए दिनों और घटनाओं को प्रस्तुत किया गया है। यह किताब ऑनलाइन भी मंगाई जा सकती है।
पिछले दिनों जब मनजीत नेगी ने अपनी पुस्तक ‘साधु से सेवक’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की थी तो पीएम ने उन्हें अपने उत्तराखंड से जुड़ाव और शुरुआती सफर को याद करते हुए कई आध्यात्मिक स्थलों का जिक्र किया था। साथ ही पिथौरागढ़ जिले के नारायण आश्रम, रामकृष्ण कुटीर अल्मोड़ा, केदारनाथ स्थित गरूड़चट्टी और दयानंद आश्रम ऋषिकेश से जुड़ी कई बातें साझा कीं।
आपको बता दें कि इस पुस्तक की प्रस्तावना केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लिखी है। वह लिखते हैं कि ‘साधु से सेवक पुस्तक हमें एक ऐसे अद्वितीय प्रतिभाशाली बालक की जीवंत कथा बताती है, जो आदर्श और परिश्रमी माता-पिता के सद्संस्कारों और समाज व राष्ट्र के लिए समर्पण का संकल्प लेने वाले वैचारिक अधिष्ठान की सीख के साथ राष्ट्र का समर्पित सेवक सिद्ध हुआ है। अभावों, संकटों और संघर्षों से निकला यह परिष्कृत व्यक्तित्व आज हम सबको दिशा दे रहा है और देश के मान-सम्मान को शीर्ष पर पहुंचा रहा है।’
मनजीत नेगी बताते हैं कि उन्हें इस पुस्तक को लिखने की प्रेरणा साल 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव कवर करने के दौरान वडनगर में नरेंद्र मोदी के शुरुआती जीवन पर डॉक्यूमेंट्री बनाते वक्त मिली। इसके बाद उन्होंने उनकी आध्यात्मिक यात्रा के सभी पड़ावों का सफर किया। वहां से मिले अनुभव और नरेंद्र मोदी के करीब रहे महानुभावों से साक्षात्कार के आधार पर यह प्रयास पुस्तक तैयार हुई है।
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