राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे और आईआईटी दिल्ली से पढ़े उत्तराखंड के सपूत वाइस एडमिरल संदीप नैथानी की उपलब्धि पर आज देवभूमि के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। नैथानी को इंडियन नेवी में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले वाइस एडमिरल संदीप नैथानी AVSM, VSM ने आज 1 जून को भारतीय नौसेना के चीफ ऑफ मैटेरियल का पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वह युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक के पद पर सेवा दे रहे थे। एक फ्लैग ऑफिसर के रूप में एडमिरल ने नौसेना मुख्यालय में मैटेरियल (आधुनिकीकरण) के सहायक प्रमुख के रूप में भी कार्य किया है। यह उत्तराखंड के लिए गौरव का पल है। हाल के वर्षों में देवभूमि के कई सपूत देश की रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में अहम जिम्मेदारियां निभाते आर रहे हैं। वाइस एडमिरल नैथानी की नियुक्ति भी गौरवान्वित करने वाले सिलसिले की अगली कड़ी है।
वह नौसेना के प्रमुख विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस वलसुरा की भी कमान संभाल चुके हैं। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला पुणे से स्नातक वाइस एडमिरल संदीप नैथानी 01 जनवरी 1985 को भारतीय नौसेना में कमीशन हुए थे। उनकी पहली नियुक्ति नौसेना की विद्युत शाखा में हुई थी। वह नौसेना के सबसे वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी के रूप में जहाजों, पनडुब्बियों के लिए सभी प्रकार के उपकरणों और हथियार प्रणालियों के चयन, प्रेरण और रखरखाव से संबंधित सभी पहलुओं के प्रभारी रहे हैं।
IIT दिल्ली से रडार इंजीनियरिंग में हैं मास्टर्स
नैथानी आईआईटी, दिल्ली से रडार एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) और नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) के पूर्व छात्र हैं। साढ़े तीन दशकों के अपने शानदार नौसैनिक करियर के दौरान वह विभिन्न चुनौतीपूर्ण पदों पर रहे हैं।
कई अहम पदों पर रहे हैं नैथानी
वाइस एडमिरल संदीप नैथानी ने विमान वाहक पोत ’विराट’ पर विभिन्न क्षमताओं के साथ सेवा दी है। वह मुंबई और विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में, नौसेना मुख्यालय के स्टाफ, कार्मिक और मैटेरियल शाखाओं में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। इसके साथ ही एडमिरल ने नौसेना के प्रमुख विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, आईएनएस वलसुरा की भी कमान संभाली थी।
इसके अलावा वह मुख्यालय डब्ल्यूएनसी में चीफ स्टाफ ऑफिसर (टेक्निकल), नौसेना डॉकयार्ड मुंबई के एडमिरल अधीक्षक और मुंबई में महानिदेशक नौसेना परियोजना, मुख्यालय एटीवीपी में कार्यक्रम निदेशक भी रहे हैं।
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