चाय, पानी, खाना, सैनिटाइजेशन…. कोरोना काल में मदद में जुटा देहरादून का भगतपूरन सिंह जी सेवक जत्था

चाय, पानी, खाना, सैनिटाइजेशन…. कोरोना काल में मदद में जुटा देहरादून का भगतपूरन सिंह जी सेवक जत्था

सिखों की एक विशेष पहचान उनकी निस्वार्थ भाव से की जाने वाली सेवा होती है। यहां न कोई बड़ा होता है न छोटा। गरीबों की सेवा के लिए हर कोई सेवादार होता है। देहरादून में भी एक जत्था ऐसे ही लोगों की मदद कर रहा है। कोरोना काल में इस जत्थे ने सैकड़ों लोगों को विभिन्न प्रकार से राहत एवं मदद पहुंचाई है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

कोरोना ने गरीबों, बेसहारा और उन लोगों पर कहर बरपाया है जिनके दो जून की रोटी का सहारा छिन गया। हर परिवार, हर घर इस संक्रमण से प्रभावित हुआ है। उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ों तक यह संक्रमण पहुंच गया। भला हो उन लोगों का जो दिन-रात अपनी जान की फिक्र किए बिना दूसरों की मदद कर रहे हैं। अगर आप देहरादून में हैं या आसपास के इलाके में रहते हैं तो इस जत्थे के बारे में आपको जानना चाहिए।

देहरादून में कांवली रोड पर स्थित है गुरुद्वारा। लोगों की सेवा में जुटे सेवादार करण सिंह ने हिल-मेल से बातचीत में अपने जत्थे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारे जत्थे का नाम है भगतपूरन सिंह सेवक जत्था और गुरुद्वारा श्री गुरु अंगद देव जी प्रबंधक कमेटी है। उन्हीं के सहयोग से हम लोगों की सेवा करते हैं। कोई भी जरूरतमंद, मजबूर व्यक्ति हो हम उसकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में जत्था क्षेत्रों में सैनिटाइेशन भी करता है।

करण ने बताया कि उनके जत्थे में बच्चे से लेकर बड़े तक शामिल हैं। इसमें कम से कम 30 सेवादारों की टीम है। भगत पूरन सिंह जी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर हिल मेल से बात करते हुए करण सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के डर से लोग घरों के अंदर हैं। बीमारी के डर से बाहर नहीं निकल रहे। जिन लोगों को खाने-पीने की चीजें या राशन-पानी की जरूरत हो तो हमारी टीम फौरन उन तक पहुंचती है। चाय, पानी, खाना, सैनिटाइजेशन से लेकर जत्थे के लोग हर तरह से मदद करते हैं।

उन्होंने बताया कि लोग हमसे फोन पर संपर्क करते हैं और हम कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए बिना कोई भीड़भाड़ किए बाइक पर सेवा पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें मदद तो पहुंचानी है साथ में बीमारी से अपना और सामने वाले का भी बचाव करना है।

करण ने कहा कि पहले जब ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने लगी थी तो भगत पूरन सिंह सेवक जत्थे ने ऑक्सीजन लंगर भी लगाया था। अब भी हमारा लंगर चल रहा है। हम किसी एक शख्स के नाम से नहीं बल्कि अपने जत्थे के नाम से ही जाने जाते हैं।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि बाहर का भी व्यक्ति अगर देहरादून में फंसा है, उसे किसी तरह की मदद की जरूरत है तो वह गुरुद्वारे या हमारे जत्थे से संपर्क कर सकता है। करण ने लोगों से अपील की है कि अपने घरों में ही रहकर इस बीमारी से लड़िए। कई सामाजिक संगठन और संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं। एक दूसरे का साथ दीजिए और मदद कीजिए।

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