शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तान और भारत भी कुछ साल पहले सदस्य बने। गुरुवार को दुशांबे में सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों या कहिए कि शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान पाकिस्तान को काफी शर्मिंदा होना पड़ा। एनएसए अजीत डोभाल ने आतंकवाद का जिक्र कर पाकिस्तान को खूब सुनाया।
ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन की एनएसए मीटिंग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने खुलेआम पाकिस्तान में आतंकी समूहों को आश्रय मिलने का मुद्दा उठाया। 8 देशों के इस समूह में पाकिस्तान भी शामिल है। डोभाल ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ ऐक्शन प्लान की बात की। इसके साथ ही भारतीय एनएसए ने आतंकी हमलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ जल्द कानूनी कार्रवाई करने को भी कहा।
डोभाल ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर दो टूक कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को पूर्ण रूप से लागू किया जाए और संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए अपराधियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएं।
डोभाल ने आतंकवाद के लिए हो रही फंडिंग से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने पर जोर दिया और एससीओ तथा आतंकवाद विरोधी निगरानी निकाय FATF के बीच एक एमओयू का भी सुझाव दिया।
उन्होंने सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सीमा पार से आतंकी हमलों सहित आतंकवाद के हैंडलरों को तेजी से न्याय की जद में लाया जाना चाहिए।
डोभाल ने एससीओ ढांचे के तहत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ एक ऐक्शन प्लान का भी प्रस्ताव रखा। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं।
डोभाल ने अपने संबोधन में आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही नई तकनीकों की निगरानी पर जोर दिया।
बैठक से इतर डोभाल ने रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पत्रुशेव के साथ दो घंटे से ज्यादा समय तक बैठक की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व से जुड़े समकालीन घटनाक्रम पर चर्चा की।
डोभाल ने एससीओ की बैठक में कहा कि वैसे तो भारत 2017 में एससीओ का सदस्य बना लेकिन सदस्य देशों के साथ हमारे सदियों से भौतिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और दार्शनिक संबंध रहे हैं। बैठक के दौरान डोभाल ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दो दशकों में हासिल की गई उपलब्धियों को कायम रखने और वहां के लोगों के कल्याण को शीर्ष प्राथमिकता देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर एससीओ संपर्क समूह का भारत पूरा समर्थन करता है तथा इसे और अधिक सक्रिय होना चाहिए।
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