कोरोना से बेहाल पर्यटन सेक्टर को सीएम धामी ने दी ‘संजीवनी’, चार धाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों को भी फायदा

कोरोना से बेहाल पर्यटन सेक्टर को सीएम धामी ने दी ‘संजीवनी’, चार धाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों को भी फायदा

पर्यटन सेक्टर और चार धाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों, लोगों को राहत प्रदान करने के लिए सीएम धामी ने बड़ा ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना से प्रभावित सेक्टर को पटरी पर लाने के लिए 200 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है।

कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ गई है और तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। ऐसे माहौल में सरकार के सामने दोहरी चुनौती है। एक तरफ लोगों को कोरोना के खतरे से बचाना है तो वहीं लोगों के ठप पड़े कामकाज से भी राहत देना है। इसी क्रम में कोरोना महामारी के कारण बेहाल पर्यटन सेक्टर को उबारने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ी राहत दी है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन और चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों के लिए 200 करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के कारण विभिन्न पर्यटक गतिविधियों एवं चारधाम यात्रा की व्यवस्था में कार्यरत व्यक्तियों एवं उनके व्यवसाय पर सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में चारधाम की यात्रा एवं अन्य पर्यटक स्थलों के बंद होने की वजह से होटल व्यवसाय, परिवहन व्यवसाय पोटर एवं अन्य गतिविधियां लगभग ठप हैं।

विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों में कार्यरत / व्यवसायरत व्यक्तियों के बैंक खाते में सीधे धनराशि हस्तांतरित करेगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों के लिए लाइसेंस शुल्क आदि पर भी छूट प्रदान की जाएगी।

इस पैकेज से करीब 1 लाख 63 हजार 661 लोगों को लाभ मिलेगा।

समझिए किसे मिलेगा लाभ

सरकार की घोषणा से पर्यटन एवं अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व्यवसाय की विभिन्न गतिविधियों के संचालन में कार्य करने वाले व्यक्तियों को 6 माह तक प्रतिमाह 2 हजार की आर्थिक सहायता मिलेगी। इस तरह 50 हजार लाभार्थियों को 60 करोड़ धनराशि दी जाएगी। उत्तराखंड पर्यटन एवं यात्रा व्यवसाय नियमावली के तहत पंजीकृत टूर ऑपरेटर, एडवेंचर टूर ऑपरेटर को 10 हजार की दर से 665 लाभार्थियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

उधर, पर्यटन विभाग में पंजीकृत 630 ट्रेकर गाइड्स को 10 हजार की दर से आर्थिक सहायता मिलेगी। टिहरी झील के 93 बोट संचालकों को 10 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

पर्यटन विभाग में व्यवसायियों को लाइसेंस और नवीनीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। पंजीकृत राफ्टिंग व एयरो स्पोटर्स के व्यवसायियों को लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में छूट मिलेगी। टिहरी झील में कुल 98 बोट संचालकों को लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क में वर्ष 2021-22 में छूट मिलेगी।

वन विभाग ट्रेकिंग व पीक शुल्क पर छूट देगा। नैनीताल जनपद के तहत नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल, सरिया ताल के 329 बोट संचालकों को वर्ष 2021-22 नवीनीकरण में छूट दी जाएगी ।

वित्त विभाग में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली व दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना ऋण में 6 माह के लिए ब्याज प्रतिपूर्ति पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

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सार्वजनिक सेवा वाहनों के चालक, परिचालक/क्लीनर को 6 माह तक प्रतिमाह 2 हजार की राशि दी जाएगी। इससे 1 लाख से अधिक लाभार्थी लाभान्वित होंगे। नैनीताल जनपद के नैनीझील, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल, सरिया ताल में पंजीकृत 549 बोट संचालकों को 10 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

नैनीताल जनपद के नैनी झील में बोट नवीनीकरण शुल्क में 671 बोट संचालकों को छूट दी जाएगी। संस्कृति विभाग मे पंजीकृत 6500 सांस्कृतिक दलों को 5 माह तक 2 हजार की धनराशि दी जाएगी।

पढ़िए देवस्थान बोर्ड पर सीएम ने क्या कहा

वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम 15 जून, 2020 के गैजेट में अधिसूचित होने पर अस्तित्व में आया है। अधिनियम के अंतर्गत रावल, पंडे, पुजारी, हक-हकूकधारी, स्थानीय हितधारकों के पारंपरिक, धार्मिक एवं आर्थिक अधिकारों को सुरक्षित रखने की बात रहने के बावजूद भी इन पवित्र धामों के हितधारकों के मन में संशय एवं अनिश्चितता प्रतीत होती है।

सीएम ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड राज्य के लिए आर्थिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है एवं उससे राज्य के सभी वर्गों का हित व विकास जुड़ा है। उनका मानना है कि इस आर्थिक गतिविधि को नए आयाम देते हुए स्थानीय उद्देश्य व्यवसायियों एवं हक-हकूकधारियों के हकों को प्रतिकूल प्रभाव ना पढ़ने देने के उद्देश्य से कोई भी नई व्यवस्था को खरा उतरना होगा।

ऐसे में सभी हितधारकों से प्रभावी विचार-विमर्श के बाद राज्य सरकार सकारात्मक परिवर्तन/संशोधन करने के पक्ष में है। अतः इस अधिनियम से हुई व्यवस्था परिवर्तन से हितधारकों पर हुए परिणामों का आकलन करने और व्यवस्था विचलन के विधिक परिणामों के आकलन के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है। समिति की संस्तुति के आधार पर चारधाम देवस्थानम बोर्ड की व्यवस्था के संदर्भ में अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।

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