ओलंपिक खेलों के इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली वंदना पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हॉकी में भारत कीओर से यह 32वीं हैट्रिक है। लेकिन वंदना को छोड़ सभी हैट्रिक पुरुष खिलाड़ियों ने लगाई हैं। सबसे ज्यादा 7 हैट्रिक हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम हैं। उनके बाद बलबीर सिंह ने 4 बार भारत के लिए ओलंपिक में हैट्रिक लगाई।
टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद भारतीय महिला हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंची है। दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हराकर भारतीय टीम ने यह उपलब्धि हासिल की। इस जीत में सबसे बड़ा योगदान रहा उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया का। हरिद्वार के रोशनाबाद से ताल्लुक रखरने वाली वंदना ने इस ‘करो या मरो’ मुकाबले में गोलों की हैट्रिक लगाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया। वंदना ने चौथे, 17वें और 49वें मिनट में गोल दागा। वह यह कारनामा करने वाली भारत की पहली महिला हॉली खिलाड़ी हैं। इससे पहले आखिरी बार 1984 ओलंपिक में पुरुष हॉकी खिलाड़ी विनीत शर्मा ने गोल की हैट्रिक लगाई थी। मलयेशिया के खिलाफ मैच में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की थी और भारत ने मुकाबले को 3-1 से जीता था।
She shoots, she scores! 🏑😍
Vandana Katariya scored 3 of #IND's 4 goals in their match against #RSA to become the first Indian woman to register a hat-trick at the Olympics! 😍#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | #Hockey pic.twitter.com/jfUaqyO1He
— Olympic Khel (@OlympicKhel) July 31, 2021
हालांकि भारत की जीत ही उसके क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं थी। लेकिन इंग्लैंड के आयरलैंड को हरा देने के बाद भारतीय टीम ने अंतिम 8 में जगह बना ली। अब उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम से होगा।
#IND women’s #hockey team have progressed to QUARTER-FINAL for the first time in 41 years! 👏😍#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion | @TheHockeyIndia pic.twitter.com/jJnGBXAde9
— Olympic Khel (@OlympicKhel) July 31, 2021
सात भाई-बहनों में सबसे छोटी वंदना के पिता नाहर सिंह का मई 2021 में निधन हो गया था। वह तब बेंगलुरू में ओलंपिक की तैयारियां कर रही थीं। इसके कारण वह पिता के अंतिम संस्कार पर घर भी नहीं जा सकी। टोक्यों में ऐतिहासिक कारनामा कर उन्होंने अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। उनके पिता का सपना था कि बेटी ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते।
15 अप्रैल, 1992 को जन्मीं वंदना कटारिया ने पहली बार जूनियर अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 2006 में भाग लिया था। वह भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रह चुकी हैं। वंदना के 5 भाई-बहन खेल से ही जुड़े हैं। बड़ी बहन रीना कटारिया भोपाल एक्सीलेंसी में हॉकी कोच और छोटी बहन अंजलि कटारिया हॉकी खिलाड़ी हैं। भाई पंकज कराटे और सौरभ फुटबॉल खिलाड़ी एवं कोच हैं। 2010 में राष्ट्रीय हॉकी टीम में चुने जाने के बाद अगले ही साल स्पोर्टस कोटे से रेलवे में जूनियर TC पद पर उनकी जॉब लगी, तब जाकर आर्थिक तंगी कम हुई। अर्जेंटीना की लुसियाना आयमार को वो अपनी पसंदीदा खिलाड़ी मानती हैं।
ओलंपिक में भारतीयों की हैट्रिक का इतिहास
ओलंपिक खेलों के इतिहास में हॉकी में हैट्रिक लगाने वाली वंदना पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। हॉकी में भारत कीओर से यह 32वीं हैट्रिक है। लेकिन वंदना को छोड़ सभी हैट्रिक पुरुष खिलाड़ियों ने लगाई हैं। सबसे ज्यादा 7 हैट्रिक हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम हैं। उनके बाद बलबीर सिंह ने 4 बार भारत के लिए ओलंपिक में हैट्रिक लगाई।
सीएम धामी ने भी वंदना को दी शुभकामनाएं
साउथ अफ्रीका को 4-3 से हराने पर भारतीय महिला हॉकी टीम की सभी खिलाड़ियों तथा इस मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली देश की बेटी वंदना कटारिया को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं!#Hockey #Tokyo2020 #TeamIndia #Cheer4India https://t.co/1cqJn0Ktjn
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) July 31, 2021
सीएम धामी ने इस मैच में जीत पर भारतीय महिला हॉकी टीम को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, साउथ अफ्रीका को 4-3 से हराने पर भारतीय महिला हॉकी टीम की सभी खिलाड़ियों तथा इस मैच में हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने वाली देश की बेटी वंदना कटारिया को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं!
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