स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना की पहली लहर में 0 से 9 साल के बच्चों में 2.1 प्रतिशत बच्चे संक्रमित पाए गए। 10 से 19 साल के बच्चों में 8.4 बच्चे संक्रमित हुए थे। कोरोना की दूसरी लहर में 0 से 9 साल के 1.7 प्रतिशत और 10 से 19 साल के 7.6 प्रतिशत बच्चे संक्रमित पाए गए।
कोरोना महामारी (Covid-19) की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को बचाने के लिए कमर कस ली है। पूरे स्टेट (State) के लिए एक प्रोग्राम तैयार किया गया है। इसमें तीन तरह के पैकेट ग्रीन, यलो और रेड तैयार किए गए हैं। ग्रीन पैकेट 0 से 1 साल के बच्चों के लिए, यलो पैकेट 1 से 10 साल के बच्चों के लिए और 10 साल से 18 साल के बच्चों के लिए रेड पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। इन पैकेटों को बनाने का काम डॉक्टरों के पैनल की देख रेख में हो रहा हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी शंभू कुमार झा ने बताया कि इस कार्य को तेजी से करने के लिए डॉक्टरों को तैयार किया जा रहा है। साथ ही नर्स और आशा वर्करों को भी ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें बताया गया हैं कि किस दवा को किस मात्रा में और कैसे बच्चों को देना है। इसकी जानकारी बच्चों के माता-पिता के साथ भी साझा की गई है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना की पहली लहर में 0 से 9 साल के बच्चों में 2.1 प्रतिशत बच्चे संक्रमित पाए गए। 10 से 19 साल के बच्चों में 8.4 बच्चे संक्रमित हुए थे। कोरोना की दूसरी लहर में 0 से 9 साल के 1.7 प्रतिशत और 10 से 19 साल के 7.6 प्रतिशत बच्चे संक्रमित पाए गए।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *