धामी कैबिनेट के फैसलेः 584 बस्तियों को 2024 तक की लाइफलाइन, बंगाली समुदाय के जाति प्रमाणपत्र पर नहीं लिखा जाएगा ‘पूर्वी पाकिस्तानी’

धामी कैबिनेट के फैसलेः 584 बस्तियों को 2024 तक की लाइफलाइन, बंगाली समुदाय के जाति प्रमाणपत्र पर नहीं लिखा जाएगा ‘पूर्वी पाकिस्तानी’

कैबिनेट के सामने कुल 22 प्रस्ताव आए, जिनमें से 20 पर फैसला हुआ। कैबिनेट ने ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज, गदरपुर, दिनेशपुर और रुद्रपुर में रह रहे बंगाली समुदाय के लोगों को बड़ी राहत दी है। पिछले करीब 60 साल से यहां रह रहे लोगों के जाति प्रमाण पर पूर्वी पाकिस्तान लिखा जा रहा है। अब ऐसे लोगों के जाति प्रमाण पत्र पर पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित के स्थान पर पूर्वी बंगाल से विस्थापित शब्द का इस्तेमाल होगा।

उत्तराखंड में करीब 584 अवैध मलिन बस्तियां को साल 2024 तक की लाइफलाइन मिल गई है। हाईकोर्ट ने इन्हें हटाने का आदेश दिया था, लेकिन 2018 में राज्य सरकार ने दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कानून बना दिया था। अक्तूबर 2021 में यह कार्रवाई स्थगित रखने की अवधि खत्म हो रही थी, लेकिन पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने इसे तीन साल के लिए बढ़ा दिया है।

सोमवार को राज्य सचिवालय में सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शहरी विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। इस फैसले से अवैध मलिन बस्तियों में 1.80 लाख घरों में रह रहे 11 लाख लोगों को राहत मिलेगी। कैबिनेट के सामने कुल 22 प्रस्ताव आए, जिनमें से 20 पर फैसला हुआ।

कैबिनेट ने ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज, गदरपुर, दिनेशपुर और रुद्रपुर में रह रहे बंगाली समुदाय के लोगों को बड़ी राहत दी है। पिछले करीब 60 साल से यहां रह रहे लोगों के जाति प्रमाण पर पूर्वी पाकिस्तान लिखा जा रहा है। अब ऐसे लोगों के जाति प्रमाण पत्र पर पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित के स्थान पर पूर्वी बंगाल से विस्थापित शब्द का इस्तेमाल होगा। इस फैसले से बंगाली समुदाय के करीब पौने तीन लाख लोगों को राहत मिलेगी।

विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश सरकार करीब 5300 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश करेगी। कैबिनेट ने वित्त विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। जरूरी संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।

प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व सामान्य वर्ग की विधवा पेंशन ले रही विधवा की बेटी की शादी के लिए अनुदान की वार्षिक आय की अर्हता 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 48 हजार कर दी गई है। योजना के तहत 51 हजार का विवाह अनुदान दिया जाता है।

उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों के वेतन के लिए 13.88 करोड़ के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली। रोडवेज को निशुल्क यात्रा व्यय की प्रतिपूर्ति को मिलाकर कुल 16.17 करोड़ रुपये देने का फैसला हुआ।

कैबिनेट के कुछ अन्य फैसले

– उत्तराखंड डेरी विकास अधीनस्थ सेवा नियमावली 2021 का गठन।

– बदरीनाथ धाम एवं केदारनाथ के कार्यों की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसट्रक्शन (पीएमसी) आईएनआई डिजाइन स्टूडियो प्रा.लि. कंसलटेंसी एजेंसी को।

– बदरीनाथ धाम मास्टर प्लान चरण एक में नौ सरकारी कार्यालय ध्वस्त होंगे।

– नई उत्तराखंड लेखा परीक्षा नियम संग्रह लागू होगा।

– राजकीय नर्सिंग कॉलेज बाजपुर में 70 नए पदों का सृजन होगा।

– हिमालयन गढ़वाल विश्व विद्यालय का नाम संशोधन कर महाराजा अग्रसेन हिमालयन विवि होगा।

– उच्च शिक्षा के तहत सभी श्रेणी प्रात: कालीन, गेस्ट टीचर, संविदा टीचर, नितांत स्थायी टीचर का 35 हजार रुपये समान मानदेय।

– उत्तराखंड सिंचाई विभाग में मेट (समूह ग) सेवा नियमावली बनाई गई। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से भरा जाएगा पद।

– ऊधम सिंह नगर के जलाशयों में 200 मेगावाट के फ्लोटिंग पावर संयंत्र लगाने के फैसले को वापस लिया।

– उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में समीक्षा अधिकारी एवं वैयक्तिक सहायक के पदों पर संविलियन नियमावली 2021 को मंजूरी।

– 622 में से शेष बची 25 मदिरा की दुकानों के लिए 50 प्रतिशत राजस्व निर्धारित, आवंटन के समय लिया जाएगा अधिभार।

– उत्तराखंड केंद्रीय विद्युत नियामक प्रतिवेदन 2004 की धारा 104 एवं 105 के वित्तीय वर्ष के लेखा जोखा विधान मंडल के पटल पर आएगा।

– उत्तराखंड माल सेवा कर 2021 विधेयक को पुनर्स्थापित कर विधानमंडल के पटल पर रखा जाएगा।

– हल्द्वानी में वाणिज्यिक वादों के निपटारे के लिए वाणिज्यिक न्यायालय का गठन होगा।

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