देवस्थानम बोर्ड: तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह को दर्शनों से रोका, गंगोत्री में बंद

देवस्थानम बोर्ड: तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह को दर्शनों से रोका, गंगोत्री में बंद

सोमवार को ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। उन्हें भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध झेलना पड़ा, हालांकि उन्होंने धाम में दर्शन किए। उधर, राज्य सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड और एक्ट वापस नहीं होने पर तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री बंद रखा।

देवस्थानम बोर्ड से संबंधित एक्ट वापस नहीं लेने के विरोध में चारधाम के तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री धाम में बंद रखा। यही नहीं सोमवार को केदारनाथ दर्शनों के लिए पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थ पुरोहितों ने विरोध किया और उन्हें दर्शन नहीं करने दिए। दरअसल, 30 अक्टूबर की समयसीमा बीत जाने के बाद भी देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में रोष है। यही वजह रही कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया गया। तीर्थ पुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की। इसके बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत बिना दर्शन किए जीएमवीएन गेस्ट हाउस में चले गए। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि त्रिवेंद्र रावत ही देवस्थानम बोर्ड को लाने वाले हैं।

हालांकि सोमवार को ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी केदारनाथ धाम पहुंचे थे। उन्हें भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का विरोध झेलना पड़ा, हालांकि उन्होंने धाम में दर्शन किए। उधर, राज्य सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड और एक्ट वापस नहीं होने पर तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री बंद रखा। गंगोत्री में बाजार बंद है। धाम में भी पूजा सामग्री सहित अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। गंगोत्री धाम में नियमित पूजा-पाठ और दर्शन सामान्य दिनों की तरह ही हो रहे हैं लेकिन भागीरथी घाट पर पूजा संपन्न कराने वाले पुरोहित विरोध स्वरूप पूजा नहीं करा रहे हैं। पूजा प्रसाद की दुकानें बंद होने से तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ आ रहे हैं। ऐसे में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने सभी तीर्थपुरोहित व हक-हकूकधारियों से आगामी तीन नवंबर को केदारनाथ कूच का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर मांग को अनसुना करने का आरोप भी लगाया है।

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