समुद्रतल से 3,140 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मां गंगा जी के आस्था विश्वास के धाम गंगोत्री के कपाट आज 14 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर विधिविधान मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
लोकेन्द्र सिंह बिष्ट
आज गंगा जी की उत्सव डोली भोगमूर्ति के साथ गंगोत्री से चलकर मुखबा गंगा मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। 15 नवंबर को मां गंगा जी की भोग मूर्ति मुखबा स्थित गंगा मंदिर में स्थापित की जाएगी।
आज मां गंगा जी का अभिषेक करने के साथ ही गंगालहरी, गंगा सहस्त्रनाम का पाठ किया गया। गंगोत्री मंदिर में श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए।
मां गंगा जी की उत्सव डोली को भारतीय सेना के सेना बैंड तथा स्थानीय ढोल-दमाऊं की अगुआई में हज़ारों संख्या में श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक यात्रा में हिस्सा लिया।
आज भैरोंघाटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए मां गंगा जी व चंडी देवी मंदिर पहुंचेगी। जहां सभी पुरोहित आज रात्रि विश्राम करेंगे। जबकि इसके बाद गंगा जी की उत्सव डोली मुखबा गांव जायेगी।
उसके बाद मां गंगा जी उत्सव डोली मुखबा गांव के गंगा मंदिर पहुंचेगी। जहां मां गंगा जी की भोग मूर्ती को स्थापित किया जाएगा। आने वाले शीतकालीन छः महीनों तक यहीं मां गंगा जी के दर्शन होंगे।
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