पन्तनगर विश्वविद्यालय में जनरल बिपिन रावत छात्रावास का लोकार्पण एवं छात्रावास प्रांगण में वृक्षारोपण आज मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया तथा इसके उपरान्त मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी द्वारा गांधी हाल में सभी को संबोधित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डा. बृजेश सिंह मंचासीन थे।
पुष्कर सिंह धामी ने देश के प्रथम सीडीएस, देवभूमि के वीर सपूत स्व. जनरल बिपिन रावत को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का अति विशिष्ट योगदान रहा है और स्व. जनरल बिपिन रावत ने भी अपने जीवनकाल में हमारी इस सैन्य परम्परा का निर्वहन अत्यंत निपुणता से किया।
उन्होंने बताया कि स्व. जनरल बिपिन रावत एक सच्चे देश भक्त और एक उत्कृष्ठ योद्धा थे, जिन्होंने पूरी लगन से भारत की सेवा की। विश्वविद्यालय में जनरल बिपिन रावत की स्मृति में छात्रावास का लोकार्पण होने से आज का दिन उत्तराखण्ड एवं पन्तनगर विष्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में याद किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा जनरल बिपिन रावत के नाम से एक शोध शिक्षणालय राष्ट्र को समर्पित किया गया था। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान एवं उनकी पूरी टीम को बधाई दी।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि 17 नवम्बर 1960 को एकीकृत षिक्षण, अनुसंधान और विस्तार की अवधारणा पर पन्तनगर विश्वविद्यालय की उत्पति के साथ ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक नया आयाम प्रारम्भ हुआ, जिसमें प्रारम्भ में कठिनाइयों के बावजूद विश्वविद्यालय के कार्यकुशल संकाय और कर्मचारियों ने देश में विशेष रूप से गेंहू और चावल का उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान किया। हरित क्रांति की जननी पन्तनगर विष्वविद्यालय देश की छवि को आयातक से शुद्ध निर्यातक देश में बदल दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न फसलों की 346 प्रजातियां तथा दो पशु नस्लों का विकास किया गया है। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा दलहन की 7 प्रजातियां विकसित की गयी है, जो देश में दलहन उत्पादन को रिकार्ड ऊंचाई तक पहुंचाने में बहुमूल्य योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने छः दशकों में सफलता के नये-नये कीर्तिमान स्थापित किये है, जिसके कारण विश्वविद्यालय को तीन बार देश के सर्वश्रेष्ठ कृषि संस्थान होने का गौरव भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड में वर्ष 2017 में कुल कृषि क्षेत्र के 1 या 2 प्रतिषत भाग में ही जैविक कृषि की जाती थी, परन्तु अब 34 प्रतिशत भाग में जैविक कृषि की जा रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एवं छात्र से आषा व्यक्त की कि आने वाले समय में प्रदेष की उन्नति में अपना अभूतपूर्व योगदान देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में भी सभी को अवगत कराया।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय 63 वर्षों से देश के साथ-साथ उत्तराखण्ड की सेवा कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा ही देश में हरित क्रांति आयी थी जिसके कारण विश्व में अनाज के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर और दूध उत्पादन के क्षेत्र प्रथम स्थान पर है। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा 300 से अधिक तकनीकियों को विकसित कर किसानों एवं स्टेक होल्डरों के पास पहुंचाया है। उन्होंने विश्वविद्यालय की पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि इस वर्ष में दो दीक्षान्त समारोह आयोजित किये गये, जिसमें 3500 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी।
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय से 47 हजार विद्यार्थियों द्वारा शिक्षा ग्रहण कर देश के विभिन्न संस्थानों में सेवा प्रदान कर रहे है। विश्वविद्यालय में आईसीएआर एक्रिडेशन में ‘ए’ ग्रेड का स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि किसान मेले का समय से आयोजन किया गया जिसमें किसानों द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया तथा पिछले किसान मेले में लगभग 45 हजार किसानों ने भाग किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के उत्थान हेतु विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक प्रयासरत है तथा छोटे-छोटे कार्यक्रमों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से गरीब किसानों को नयी तकनीक की जानकारी प्रदान की जा रही है, जिससे वे समृद्ध बन सके।
कार्यक्रम के अंत में डा. बृजेष सिंह ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा. स्नेहा दोहरे ने किया। इस अवसर पर प्रबंध परिषद के सदस्य एवं लालकुआँ विधायक मोहन सिंह बिष्ट, प्रबंध परिषद के सदस्य एवं रूद्रपुर विधायक शिव अरोरा, विधायक रामसिंह केड़ा, मेयर रूद्रपुर रामपाल, कमल जिंदल, सुरेश परिहार, पदाधिकारिगण अशीष भटगंई, जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर उदय राज सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी तथा महाविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेषकगण, संकाय सदस्य तथा जनप्रतिनिधि, वैज्ञानिक, विद्यार्थी एवं कर्मचारी एवं अन्य अतिथिगण उपस्थित थे।
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