अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश से अनेक अतिथियों के यहां आने की उम्मीद है। इसके लिए सरकार की ओर से जोर शोर से तैयारी की जा रही है।
श्रीनिवास पोस्ती, सदस्य, बी के टी सी
संत तुलिदास ने कहा है, ‘कलयुग केवल नाम अधारा, सिमर-सिमर नर उतरहिं पारा’ अर्थात् कलियुग में केवल भगवान के नाम का जाप ही मनुष्य को संसार के गहरे समुद्र से पार लगाने के लिए पर्याप्त है।
भगवान के दिव्य नाम का जाप जन्म और मृत्यु के इस चक्र से आनंद, शांति और मुक्ति देगा। इस कलियुग में, भगवान किसी अवतार में पृथ्वी पर नहीं आते हैं, लेकिन उनका नाम भजन (उनकी महिमा का आध्यात्मिक गायन) और संकीर्तन (उनके नाम का जप) सही ढंग से और सम्मानपूर्वक करने से सभी मनुष्य संसार के समुद्र से पार हो सकते हैं) किसी के आध्यात्मिक जीवन में नाम जप बहुत महत्वपूर्ण है, कलियुग में श्री भगवान नाम स्मरण बहुत महत्वपूर्ण है।
जब हम नाम जप करते हैं तो शुद्धिकरण की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.. हां, जब हम कीर्तन करते हैं या नाम जपते हैं तो हमारा मन सभी भौतिक अशुद्धियों से शुद्ध हो जाता है। जप एक ऐसा पवित्र कार्य है जिसे केवल कुछ भाग्यशाली आत्माएं ही अपने पिछले जन्मों में बोए गए मीठे बीजों के फल के रूप में कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा वर्तमान में अयोध्या में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है उससे पूरे संसार में इस अद्भुद क्षण की चर्चा हो रही है, नित्य चर्चाओं में लोग कही हजारों लाखों बार राम नाम लेकर पुण्य अर्जित कर रहे है।
राम मंदिर के निर्माण से पूरा संसार राम नाम जाप कर रहा है, जो कि पूरे विश्व भर के सनातनियों के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि कलयुग में हरिनाम ही सांसारिक माया से मुक्ति दिला सकता है, राम मंदिर का निर्माण से भारतवर्ष रामराज्य बनने की ओर अग्रसर हो जाएगा, जिससे भारत वर्ष में नए स्वर्णिम यूग का आगाज होगा, जो कि निश्चित ही भारतवर्ष के लिए मंगलकारी साबित होगा।
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